
Sirohi। शीत ऋतु की विदाई व गर्मी की दस्तक के साथ प्राकृतिक सौंदर्य में टेसू के फूल लोगों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित करने लगते हैं। पतझड़ में झड़ चुके पत्तों के बाद पेड़ों की डालियों में केवल केसरिया रंग के फूल ही दिखाई देते हैं। जिले के ईसरा, दरबारी खेड़ा, रेवदर, आबूरोड के भाखर क्षेत्र, पिण्डवाड़ा, आमलिया समेत कई स्थानों में पहाड़ एवं खेतों के पगडंडियों पर पलाश के पेड़ों पर टेसू के फूल आकर्षण का केंद्र बने हुए है। फाल्गुन की बहार ग्रामीण क्षेत्र में टेसु के इन फूलों को देख दिख रही है। रंगों के प्रतीक के रूप में इसे देखा जा रहा है।
होली रंग पर्व समीप है। ऐसे में इस पर्व से जोडकऱ इसे देखा जा रहा है। दूसरी ओर खेतों में पसलें पकने को है। खिले हुए टेसू के फूल मौसम के आनंद का एहसास कर रहे हैं। शीत ऋतु की विदाई का संकेत यह फूल कुदरती सुंदरता को बढ़ा रहें है। टेसू के इन्ही फूलोंं से परम्परागत रंग तैयार कर आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में होली खेली जाती है। बसंत का आगाज होने के साथ ही पलाश के फूल जंगलों में शोभा बढ़ाते नजर आते है। फाल्गुन के आगमन के साथआदिवासी बहुल भाखर क्षेत्र समेत आस.पास के जगलों में केसरिया रंग के ये फूल शीत ऋतु की विदाई का संकेत देते है।
रिपोर्ट – महेश परबत गोस्वामी