
राजस्थान की अजमेर पुलिस ने दो बांग्लादेशी घुसपैठियों को अरेस्ट कर लिया है। पुलिस ने जिन दो घुसपैठियों को अरेस्ट किया है वह दोनों भाई-बहन हैं। दोनों ने बांग्लादेश से एजेंट को रिश्वत देकर अवैध तरीके भारत पहुंचे थे। पुलिस ने इन्हें फर्जी आईडी के साथ पकड़ा है। दोनों फर्जी आईडी के आधार पर किराए पर रह रहे थे और सिलाई का काम करते थे।
खबरों के मुताबिक, अजमेर दरगाह थाने के पुलिस इंस्पेक्टर नरेन्द्र सिंह ने बताया कि फर्जी आईडी में दोनों ने अपने नाम नाहिद शेख और नादिया शेख लिखवा रखे हैं। युवक का असली नाम नाहिद हुसैन और युवती का असली नाम महमूदा अख्तर है। दोनों के फर्जी आधार कार्ड में वेस्ट बंगाल के 24 परगना का जिक्र है।
उन्होंने आगे बताया कि दोनों अजमेर में रहकर कपड़ों का बिज़नेस कर रहे थे। CID ने शक के आधार पर तहकीकात की तो दोनों के घुसपैठिए होने का खुलासा हुआ। मंगलवार शाम को दोनों को अरेस्ट किया गया। दोनों के पास से उनकी असली आईडी भी बरामद कर ली गई है। दोनों घुसपैठिए बांग्लादेश के जिला मुंशीगंज के निवासी है।
वही, बांग्लादेशी महिला महमूदा अख्तर ने पुलिस को बताया कि वह पहले भी भारत आ चुकी है। वह यहां पहले एक शॉप पर जॉब करती थी। फिर कुछ वक्त के लिए वापस बांग्लादेश लौट गई थी। महमूदा ने पुलिस को बताया कि बांग्लादेश में उसे जॉब नहीं मिल रहा था। इसलिए परेशान होकर रोजगार की तलाश में फिर भारत आई थी। उसने बताया कि बांग्लादेश-भारत बॉर्डर पर एजेंट को 15 हजार रुपये देकर भारत में एंट्री की थी।
बता दे कि पुलिस ने दोनों से पूछताछ की। इसके बाद उन्हें अलवर स्थित डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया। इस सेंटर पर ही पाकिस्तान और बांग्लादेश के घुसपैठियों को रखा जाता है। बता दे कि बांग्लादेश-भारत बॉर्डर के बीच कई एजेंट रहते है, जो पैसे लेकर अवैध तरीके से भारत में एंट्री करवा देते है। सौदा तय होने के बाद एजेंट बॉर्डर पर लगे तारों के नीचे से एंट्री कराते हैं। बांग्लादेश में जॉब नही मिलने के कारण यहां जॉब करने आते है।