
मुंबई। बोरीवली पश्चिम के कस्तूर पार्क इलाके में आरबीआई कर्मचारियों की तीन मंजिला जयदत्त सोसाइटी थी। प्रारंभ में इस सोसाइटी में 20 सदस्य थे। चार साल पहले उन्होंने खुद इस इमारत को नया रूप देने का फैसला किया। उसी के अनुरूप उन्होंने कदम उठाना भी शुरू कर दिया। उन्होंने ‘सेल्फ रिडेवलपमेंट कंसल्टेंट’ कंपनी से संपर्क किया और काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने सबसे पहले ‘स्वयं पुनर्विकसित आरबीआई कर्मचारी जयदत्त सोसाइटी, बोरीवली’ की स्थापना की।
उस समय कोरोना के कारण दो वर्ष बीत जाने पर भी सभी सदस्यों ने अपना संकल्प नहीं छोड़ा। करीब ढाई साल बाद तीन मंजिला सोसाइटी एक सर्वसुविधायुक्त नौ मंजिला सोसाइटी में तब्दील हो गई है। प्रारंभ में 20 सदस्य थे, अब 35 सदस्य हैं। आज इस समाज ने आत्म-पुनर्विकास के लिए आवश्यक सभी चीजें करने की परियोजना को अथक प्रयासों से पूरा किया है। परियोजना के सलाहकार गणेश बारे ने बताया कि यह बोरीवली में पहली स्व-पुनर्विकास परियोजना है।

सभी 35 सदस्यों को रविवार को भाजपा सांसद गोपाल शेट्टी और विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने चाबियां सौंपीं। मुंबई में इस समय कई पुनर्विकास परियोजनाएं रुकी हुई हैं। इस परियोजना के सैकड़ों निवासी और सदस्य वर्षों से परियोजना के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। हालाँकि, सराहना की बात यह है कि आरबीआई कर्मचारियों की इस जयदत सोसाइटी ने कोरोना काल को छोड़कर केवल ढाई साल में ही स्व-विकास परियोजना को पूरा कर लिया है।
वर्तमान महागठबंधन सरकार स्व पुनर्विकास परियोजना को भरपूर समर्थन दे रही है। मुंबई बैंक ने भी 1000 करोड़ तक का लोन दिया है। यह सरकार सेल्फ रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट को बढ़ावा दे रही है। जयदत सोसाइटी के इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए सभी सदस्यों और आर्किटेक्ट नीलेश कोलाडिया, इंद्रनील चंद्राटे और गणेश बारे ने कड़ी मेहनत की है। आज सभी सदस्य बहुत प्रसन्न एवं संतुष्ट थे।