राम के दर्शन को पहुंच रहे लाखों श्रद्धालु अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद से जहां शहर और आसपास के इलाकों की सूरत बदली हुई है, वहीं बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन ने कारोबार में भी इजाफा किया है।
यहां दिहाड़ी मजदूरी करने वाले दीपक पांडेय कुछ साल पहले नौकरी की तलाश में दूसरे शहर जाने की योजना बना रहे थे मगर अब वह ‘राम नगरी’ में ही जमीन खरीदकर नया घर बनाने की सोच रहे हैं।
राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते आमदनी में हुई बढ़ोत्तरी उनकी सोच में आए इस बदलाव का मुख्य कारण है।
आर्थिक स्थिति में सुधार राम की कृपा
दीपक पांडेय अपनी आर्थिक स्थिति में हुए सुधार के लिए भगवान राम की कृपा को मुख्य आधार मानते हैं। पांडेय राम पथ तक जाने वाली एक गली में तीन कमरों के घर में रहते हैं। यह रास्ता मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मुख्य मार्ग है और अब पांडेय अपने घर का एक कमरा किराए पर देते हैं।
पहले मैं एक कमरे को तीन हजार रुपए प्रति माह के हिसाब से किराए पर देता था। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद से मैं इसे तीन हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से किराए पर दे रहा हूं।
पर्यटकों को ‘होम स्टे’ की सुविधा
प्रमेश पांडेय ने कहा कि मेरे पास तीन-चार अलग-अलग इमारतों में छह कमरे हैं। मैं आगंतुकों की संख्या के आधार पर रोजना 1400 रुपए से लेकर तीन हजार रुपए तक में एक कमरा उपलब्ध कराता हूं। प्रमेश की गली के ज्यादातर निवासी छोटे-मोटे काम करते हैं या मंदिर में चढ़ाए जाने के लिए चढ़ावे का सामान बेचते हैं।
रामलला हम पर बरसा रहे कृपा, श्रद्धालुओं के आने सेे कारोबार में इजाफा
राम पथ से जुड़ी एक अन्य गली में रहने वाली जसवंती शर्मा भगवान राम की तस्वीरें और अन्य स्मृति चिह्न बेचती हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम हम पर अपनी कृपा बरसा रहे हैं। शहर में आने वाले लोगों की संख्या काफी बढ़ गई है। इससे मेरे व्यवसाय को मदद मिली है।
डोसे का खोमचा चलाने वाले प्रभात गुप्ता जब भी किसी ग्राहक को थाली देते हैं तो ‘जय श्री राम’ कहते हैं। अगर भगवान राम की इच्छा हुई तो निर्माण पूरा होने के बाद हम और अधिक ग्राहकों की मेजबानी कर सकेंगे।
यह भी पढ़ें :