किसानों के ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च में शामिल प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को अंबाला में शंभू बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। शंभू सीमा के पास उस समय अव्यवस्था की स्थिति बन गई, जब किसानों ने सीमेंट से बने अवरोधक हटाने के लिए ट्रैक्टर इस्तेमाल किए।
ये अवरोधक प्रदर्शनकारी किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए घग्गर नदी पुल पर हरियाणा पुलिस द्वारा बैरिकेड के हिस्से के रूप में रखे गए थे। हरियाणा पुलिस ने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया जा रहा है, क्योंकि प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों पर पथराव कर रहे हैं।
हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने कहा, “प्रदर्शनकारियों द्वारा हरियाणा पुलिस पर पथराव किया गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। किसी को भी अशांति फैलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। ऐसा करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। अभी स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।
हम सड़कें अवरुद्ध नहीं कर रहे : पंढेर
किसानों ने सुबह 10 बजे चलो दिल्ली मार्च शुरू किया। किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव पंढेर ने कहा कि आज भी हम यह नहीं कह रहे हैं कि हम सड़कें अवरुद्ध करेंगे। सरकार ने खुद पिछले दो-तीन दिनों से सड़कें अवरुद्ध कर दी हैं।
पंजाब में खत्म होने लगा डीजल-गैस
किसान आंदोलन की वजह से पंजाब में डीजल और गैस की किल्लत होने लगी है क्योंकि सड़कों पर प्रदर्शन के कारण गाड़ियां उधर नहीं जा रही हैं। सोमवार की तुलना में मंगलवार को पंजाब में लगभग 50 प्रतिशत डीजल और 20 प्रतिशत गैस कम पहुंची। ऐसे में आने वाले दिनों में प्रदेश के लोगों की परेशानी और बढ़ सकती है।
किसानों ने सेफ्टी बैरियर उखाड़ फेंके
पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर मंगलवार को किसानों का उग्र रूप देखने को मिला है। यहां के शंभू बॉर्डर पर किसानों ने फ्लाईओवर पर लगे सेफ्टी बैरियर को उखाड़ दिया और उसे फ्लाईओवर से नीचे फेंक दिया। इसका वीडियो भी सामने आया है, जिसमें किसान बैरियर्स को उखाड़ते हुए और उसे फ्लाईओवर से नीचे फेंकते दिख रहे हैं।
किसानों की मांगें
किसान एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों व कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफ करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
केंद्र-राज्य सरकारों से मांगा जवाब
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में मंगलवार को केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार, पंजाब सरकार, दिल्ली सरकार और यूटी प्रशासन सहित दोनों किसान यूनियनों को नोटिस जारी कर 15 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने केंद्र, हरियाणा सरकार और पंजाब सरकार को कानून व्यवस्था बनाए रखने तथा मिलकर इस मुद्दे का हल निकालने का प्रयास करने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि यदि आवश्यकता पड़े तो दोनों राज्यों को सुरक्षा बल मुहैया करने के लिए केंद्र सरकार तैयार है।
दिल्ली-पंजाब सरकार किसानों के साथ
दिल्ली में आप मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि किसानों की मांगें वास्तविक हैं और प्रत्येक नागरिक शांतिपूर्ण विरोध करने का हकदार है। मार्च शुरू होने के दो घंटे बाद जब प्रदर्शनकारी शंभू सीमा पर पहुंचे तो हरियाणा पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागने शुरू कर दिए लेिकन पंजाब पुलिस ने भी प्रदर्शनकारियों को नहीं रोका।
पुलिस ने की पानी की बौछार
पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल भी किया। लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे और हिलने का नाम नहीं ले रहे हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि किसान वाटर कैनन के इस्तेमाल के बावजूद अपनी जगह से टस से मस नहीं हो रहे हैं।
माय लॉर्ड्स, जाम में फंस गया
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ को चिठ्ठी लिखकर संज्ञान लेने की अपील की थी, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान एक वकील ने कार में बैठे-बैठे दलील देना शुरू कर दिया। जिस पर जस्टिस ने कहा कि हमें वकीलों के वर्चुअली पेश होने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इस तरह चलती कार में नहीं।
इस पर वकील ने कहा, माय लॉर्ड्स, मैं किसानों आंदोलन से जाम में फंस गया हूं।
वकील का ये जवाब सुनकर बेंच ने कहा ओह! ये वजह है तब तो हम माफ कर देंगे।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का निर्देश
किसानों के प्रदर्शन के बीच पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। मंगलवार को कोर्ट की ओर से कहा गया कि ये लोग भारतीय नागरिक हैं। इन्हें भी देश में आजाद घूमने का अधिकार है। राज्य सरकारें ऐसे इलाके चिह्नित करें, जहां ये लोग विरोध प्रदर्शन कर सकें।
किसानों के मार्च के मद्देनजर हरियाणा के कई जिलों में इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई थी और कुछ बॉर्डर भी सील कर दिए गए थे। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में इसी घटनाक्रम के एक दिन बाद याचिका दाखिल की गई।
हम देंगे एमएसपी की गारंटी : कांग्रेस
किसान आंदोलन के बीच कांग्रेस ने बड़ा ऐलान कर दिया है। कांग्रेस ने कहा है कि हम स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक किसानों को एमएसपी कानून बनाकर उचित मूल्य की गारंटी देंगे। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि एमएसपी को कानूनी गारंटी मिलने से 15 करोड़ किसान परिवारों को फायदा पहुंचेगा।
किसान भाइयों के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। न्याय के पथ पर यह कांग्रेस की पहली गारंटी है। स्वामीनाथन को बीजेपी सरकार ने भारत रत्न दिया लेकिन जिस चीज के लिए उन्होंने अपनी जिंदगी लगा दी, सरकार उसको लागू करने के लिए तैयार नहीं है।
इसका क्या मतलब है?
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट कर कहा, कांग्रेस ने ऐतिहासिक प्रण लिया है। हम स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक किसानों को एमएसपी कानून बनाकर उचित मूल्य की गारंटी देंगे।
बवाना स्टेडियम को जेल नहीं बनाएंगे : केजरीवाल
आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च का समर्थन किया और कहा कि ‘अन्नदाता’ को जेल में डालना गलत है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का यह बयान तब आया, जब उन्होंने कहा कि उसने दिल्ली के बवाना स्टेडियम को जेल में बदलने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने सोमवार को दिल्ली सरकार को 13 फरवरी को किसानों के मार्च के दौरान हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों के लिए बवाना स्टेडियम को अस्थायी जेल के रूप में बदलने के लिए लिखा था, जिसे अरविंद केजरीवाल ने नकार दिया है।