मुंबई में बड़ी और ऊंची इमारतों की कोई कमी नहीं है। हालांकि, ऐसी ऊंची इमारतों में आग लगने की घटनाएं भी कुछ हद तक होती रहती हैं। इसलिए फायर ब्रिगेड मुंबई में अब ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए एक्शन मोड में आ गई है। फायर ब्रिगेड के एक अधिकारी के मुताबिक, ऊंची इमारतों को साल में दो बार जनवरी और जुलाई में फायर ऑडिट रिपोर्ट देनी होगी।
फायर ब्रिगेड की टीमें ऐसी इमारतों का अघोषित दौरा करेंगी और अगर फायर ऑडिट नहीं कराया गया तो 10 दिनों के भीतर पानी और बिजली के कनेक्शन काटे जा सकते हैं। पिछले साल मुंबई में फायर ब्रिगेड को 15 हजार कॉल्स मिलीं, जिनमें से 5074 कॉल्स आग से संबंधित बताई गईं।
मुंबई में 40 लाख से ज्यादा प्रॉपर्टी
मुंबई में 40 लाख से ज्यादा प्रॉपर्टी हैं। 3629 ऊंची इमारतें और 362 ऊंची इमारतें शामिल हैं। अधिकारियों के मुताबिक, चेतावनी के बावजूद सोसायटियों और ऊंची इमारतों में अग्नि सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन किया जा रहा है। इसलिए प्रत्येक वार्ड में बड़े भवनों की सूची तैयार की जा रही है। जनवरी और जुलाई में नॉन फायर ऑडिट की सूची देखने के बाद ऐसी इमारतों का निरीक्षण किया जाएगा।
यह निरीक्षण प्रत्येक टीम द्वारा किया जाएगा और प्रभाग में ऐसी टीमें गठित की जाएंगी। अग्निशामकों के पास वर्तमान में 90 मीटर की ऊँचाई तक पहुँचने वाली सीढ़ियाँ हैं। इनकी मदद से 100 मीटर तक ऊंची इमारतों में लगी आग को बुझाना संभव होगा।
ऊंची इमारतों में आग पर काबू पाना एक बड़ी चुनौती है, इसलिए फायर ब्रिगेड ने ऐसी इमारतों में स्प्रिंकलर लगाना अनिवार्य कर दिया है। अधिकारी ने यह भी कहा कि शॉर्ट सर्किट की 80 फीसदी घटनाएं इमारतों में होती हैं, इसलिए सोसायटी और बड़ी इमारतों में भी इलेक्ट्रिकल ऑडिट अनिवार्य कर दिया गया है।