![संपादकीय : महिमामंडन लायक नहीं एकतरफा चाहत](https://jagruktimes.co.in/wp-content/uploads/2024/02/WhatsApp-Image-2024-02-13-at-19.56.35.jpeg)
सिर्फ फिल्में ही समाज का आईना नहीं होतीं बल्कि समाज में भी फिल्मों की तस्वीर परिलक्षित होती है। अब इसे ही लें, बॉलीवुड की दर्जनों फिल्मों ने एकतरफा चाहत को बहुत महिमामंडन किया है। हीरो, हीरोइन से कहता है अगर तूूं मेरी नहीं हई, तो तुझे किसी और की नहीं होने दूंगा। वह सिर्फ कहता ही नहीं है बल्कि हीरोइन कहे हुए सच समझे, इसके लिए वह एक झटके में जेब से रामपुरी चाकू भी निकाल लेता है।
यह प्रेम तो छोड़िए किसी भी महिला के साथ किया गया बेहद संवेदनहीन व्यवहार होता है। लेकिन हमारी फिल्में इसे अटूट प्यार के रूप में दर्शाती हैं। जब कोई लड़की इस जबरदस्ती के एकतरफा प्यार को ठुकरा देती है, तो इसकी परिणति दिल्ली की लक्ष्मी जैसी दुर्भाग्यशाली लड़की में हो जाती है, जिसे उसकी उम्र से डेढ़ गुना उम्र का एकतरफा प्रेमी उसके इंकार से आहत होकर चेहरे में तेजाब फेंक देता है।
संक्षेप में बात यह कि कभी भी एकतरफा प्रेम या एकतरफा प्रेम करने वाले को महिमामंडित नहीं करना चाहिए। यह कोई प्रेम नहीं बल्कि प्रेम के नाम पर जहरीली दादागिरी है।
यह दूसरे की परवाह न करना है
एकतरफा चाहत वालों की मानसिक स्थिति बड़े ही अजीब होती है। ऐसे लोग अपनी ही दुनिया में जीते हैं। अच्छे या बुरे की कसौटी उन्हें समझ में ही नहीं आती। यदि उन्हें कुछ पसंद आया तो उसे हर हाल में हासिल करना चाहते हैं। उनकी चाहत की पहली दस्तक ही गलत होती है।
किसी को देखा और बस उसी के सपने देखने लगे, बिना यह जाने समझे कि सामने वाला उसे किस निगाह से देख रहा है। ऐसे एकतरफा प्रेमियों को कुछ भी फर्क नहीं पड़ता, अगर लड़की उन्हें नफरत करती है तो वह उस नफरत से ही प्यार करने लगते हैं।
इनका विवेक मर चुका होता है और जब यह जिंदा होता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। किसी भी महिला को कोई अचानक बेइंतहां और वह भी एकतरफा चाहने लगे तो उसे यह बुरा लगना ही चाहिए। लेकिन ऐसे लोगों के अपने ही तर्क हैं। वे कहते हैं, ‘चाह ही तो रहा हूं, कोई गोली थोड़े मार रहा हूं।’ ऐसे लोगों को यह नहीं लगता कि किसी की मर्जी के बिना उसे चाहना भी उसका अपमान है।
अक्सर खौफनाक हो जाती ये चाहत
एकतरफा चाहत का अगर हमेशा नहीं तो अक्सर खौफनाक अंत होता है। एकतरफा प्यार करने वाले पुरुष अक्सर भयानक क्राइम कर डालते हैं। सिर्फ इसलिए क्योंकि वह जिसे उसकी मर्जी के बिना चाह रहे थे, उसने उनकी चाहत को ठुकरा दिया होता है। जाहिर है यह प्यार नहीं, किसी को जबरदस्ती पाने की हवस है।
कई बार लोग जब किसी को बिना जाने उसे एकतरफा प्यार करने लगते हैं और फिर पता चलता है कि जिसे वह प्यार कर रहे हैं, वह पहले से ही शादीशुदा है, इस पर भी उनका इरादा नहीं बदलता और वह न सिर्फ अपने इस स्वार्थ में अंधे होकर अपनी जिंदगी बर्बाद करते हैं बल्कि अपने से भी पहले जिसे चाहते हैं, उसकी जिंदगी बड़ी बेरहमी से तहस-नहस कर डालते हैं। ऐसे लोगों को मनोवैज्ञानिक पहलू बड़ा ही अजीब होता है।
ये अपने सपनों में जीते हैं। ये बड़े ही पजेसिव किस्म के खूंखार लोग होते हैं। ये अपना प्यार जताने के लिए हर कोशिश करते हैं और ‘न’ की भाषा सुनना नहीं चाहते। लेकिन अगर न सुनना ही पड़ता है तो खिसियाकर न सिर्फ जिसे चाहते हैं, उसके साथ हिंसक जानवर बन जाते हैं बल्कि कई बार खुद भी समाप्त कर लेते हैं दरअसल ऐसे लोग काफी ‘सैडिस्ट’ टाइप के होते हैं।
यह किसी रोग से कम नहीं
इतिहास गवाह है कि एकतरफा चाहत ने कई बार वीभत्स घटनाओं को अंजाम दिया है। अगर एकतरफा प्यार करने वाली महिलाएं हैं तो वह अपने पुरुष प्रेमी के खिलाफ अगर कुछ नहीं कर पातीं तो बड़ी बेरहमी से कई बार अपना ही जीवन बर्बाद कर डालते हैं। कई बार ऐसी लड़कियां चुपचाप हताशा में मौत को गले लगा लेती हैं। अगर एक तरफा चाहत मंे चूर पुरुष है तो वह अकसर प्रेमिका को ही खत्म कर डालता है।
इसलिए सावधान हो जाएं…
न तो कभी खुद दिल हथेली पर लेकर चलें, न ही ऐसे दिल हथेली में लेकर चलने वालों के नजदीक जाएं। हमेशा विवेक से काम लें। जब दिमाग से फैसला करेंगे/करेंगी तो बात तार्किक ही होगी। अगर किसी के लिए एकतरफा प्यार की चाहत परेशान कर रही है, तो सबसे पहले उसकी जिंदी का स्टेट्स जान लें।
कहीं वह पहले से ही किसी को प्यार रही/रहा। किसी को एकतरफा चाहने के पहले यह भी देखें कि क्या वह भी आपको चाह रहा है। अगर नहीं तो फिर यह एकतरफा चाहत क्यों? ऐसी हरकत करने के पहले यह भी सोच लें कि जिन मां-बाप ने आपको पाल पोसकर इतना बड़ा किया है, उन्हें दुख क्यों दे रहे हैं। जिंदगी को सुचारू रूप से ही चलने दें, क्योंकि इसी में आपकी भी और सामने वाले की भी भलाई है।
नम्रता नदीम