जैसलमेर (Jaisalmer) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष की श्रृंखला में शनिवार को खुहड़ी में विजयादशमी उत्सव एवं पथ संचलन आयोजित हुआ। खुहड़ी की प्राचीन तलाई से शुरु हुआ पथ संचलन कस्बे की विभिन्न बस्तियों से होता हुआ पंप स्टेशन तक पहुंचा। पूर्ण गणवेश में घोष वादन के साथ कदमताल करते हुए स्वयंसेवकों का स्थानीय लोगों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। इस अवसर पर सर्वप्रथम शस्त्रों का पूजन किया गया। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अलसगिरी महाराज के साथ दीपक साहेब मठ के संत अभेय साहेब एवं मुख्य वक्ता सीमाजन कल्याण समिति के प्रांत सहप्रचार प्रमुख शरद व्यास ने प्राचीन शस्त्रों के तिलक कर रक्षा सूत्र बांधे। मुख्य वक्ता शरद व्यास ने उपस्थित स्वयंसेवकों एवं प्रबुद्ध नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि हिन्दू केवल धर्म नही अपितु एक जीवन प(ति है। जो सबके कल्याण की कामना करता है। एक सौ वर्षों की यात्रा में तिरस्कार, उपेक्षा और कई प्रतिबंध झेलने के बाद भी संघ अनवरत चल रहा है। संघ की व्यक्ति निर्माण की साधना से राष्ट्र निर्माण की आराधना में लाखों लोग खप गये, तब जाकर संघ विश्व का सबसे बड़ा सामाजिक संगठन का गौरव हासिल कर पाया है। उन्होंने कहा कि संघ समाज परिवर्तन तो उसके विविध संगठन व्यवस्था परिवर्तन में पूरे मनोयोग से जुटे है। सीमाजन कल्याण समिति जैसे सामाजिक संगठनों ने देश के पश्चिमी राजस्थान सहित समूचे सीमा क्षेत्रों की बदलती डेमोग्राफी को लोकतांत्रिक समाज व्यवस्था के लिए चुनौती बताते हुए कहा कि इसको लेकर सतर्क और सावधान रहने की आवश्यकता है।
रिपोर्ट – कपिल डांगरा
