भीलवाडा (Bhilwara) बौद्धिक दिव्यांग बच्चों के पुनर्वास और विशेष शिक्षा को समर्पित सेवाश्रम विद्यालय ने अपने शिक्षकों की कड़ी मेहनत और समर्पण के दम पर सफलतापूर्वक एक वर्ष पूरा कर लिया है। प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित समारोह में भगवती सेवा एवं शिक्षण संस्था चित्तौड़गढ़ के संस्थापक रामगोपाल ओझा ने कहा कि शिक्षकों की निष्ठा, समर्पण भाव और सेवाभाव के कारण ही विद्यालय निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है। ओझा ने अपने उद्बोधन में कहा कि एक वर्ष पहले मात्र पांच बच्चों के साथ एक छोटे से पौधे के रूप में शुरू हुआ यह विद्यालय आज शिक्षकों की कड़ी मेहनत से एक बड़े वटवृक्ष का रूप ले चुका है, जहाँ अब 51 बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। सेवाश्रम विद्यालय की अध्यक्ष मधु काबरा ने विद्यालय में कराई जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विद्यालय द्वारा बच्चों के लिए जिमनास्टिक और स्पीच थैरेपी जैसी विशेष एक्टिविटीज चलाई जा रही हैं, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य और विकास में निरंतर सुधार पाया गया है। संस्था सचिव गिरीश अग्रवाल ने बताया कि विद्यालय की प्रथम वर्षगांठ को विशेष बनाने के लिए बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक निशुल्क नेत्र, दंत एवं ईएनटी (नाक, कान, गला) जांच एवं परामर्श चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में विद्यालय के 45 बच्चों की सभी प्रकार की जांच की गई। इस दौरान अभिभावक-अध्यापक मीटिंग (पीटीएम) भी रखी गई, जिसमें 41 बच्चों के अभिभावकों ने भाग लिया। अभिभावकों से एक बॉक्स में सुझाव और शिकायतें ली गईं, साथ ही फीडबैक फॉर्म भी भरवाया गया। अग्रवाल ने बताया कि विद्यालय की गतिविधियों से सभी अभिभावक बहुत संतुष्ट हैं और उन्होंने अध्यापकों की लगन व मेहनत को खूब सराहा। इस शिविर में देवस्थली नेत्र चिकित्सालय, अक्षय ईएनटी अस्पताल और रामसनेही दंत रोग चिकित्सालय का विशेष सहयोग रहा। डॉ. वैभव पारीक का विशेष सहयोग रहा और दवाई उपलब्ध कराई गई। इस अवसर पर मनीता तोषनीवाल, कोषाध्यक्ष प्रेमलता ओझा, कार्यकारिणी सदस्य रजनीकांत आचार्य, ओमप्रकाश जागेटिया, विभा जैन, सुधा जैन, गायत्री आचार्य, विद्यालय प्रधानाचार्य आशा काबरा, शिक्षक निहारिका तोषनीवाल, विनीता चौधरी आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
रिपोर्ट – पंकज पोरवाल
