जैसलमेर (Jaisalmer) पाक बॉर्डर पर जैसलमेर के रेगिस्तानी इलाके में 12 दिन चलने वाले ऑपरेशन त्रिशूल के 11वें दिन मरू ज्वाला का युद्धाभ्यास हुआ।आर्मी और एयरफोर्स के जवानों ने आतंकवादियों के ठिकानों और दुश्मन की अग्रिम चौकियों पर साथ मिलकर अटैक किए। पहले ड्रोन से दुश्मन के ठिकानों का पता लगाया गया।इसके बाद ड्रोन के जरिए अनाउंसमेंट कर गांवों को खाली कराया गया। भारतीय सैनिक के घायल होते ही रोबोटिक डॉग फर्स्ट एड बॉक्स लेकर पहुंचे।थल सेना से मैकेनाइज्ड और आर्मर्ड कोर (टैंक रेजिमेंट) ने इसमें हिस्सा लिया। वहीं लड़ाकू हेलीकॉप्टरों और हवाई पेट्रोलिंग प्लेटफॉर्म बनाया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य यह साबित करना है कि भारतीय सेना रेगिस्तान में किसी भी परिस्थिति में तेजी से दुश्मन के खिलाफ एक्शन लेने में सक्षम है।इसका नेतृत्व दक्षिणी कमान ने किया। दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ (PVSM, AVSM) ने खुद युद्ध क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने कोणार्क कोर और बैटल एक्स डिवीजन द्वारा किए गए संयुक्त युद्धाभ्यास की सराहना की।
रिपोर्ट – कपिल डांगरा
