
जैसलमेर (Jaisalmer) शुक्रवार को समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होने के मात्र कुछ घंटों बाद जिला कलेक्टर प्रतापसिंह के निर्देश पर आयुक्त नगरपरिषद लजपालसिंह सोढा द्वारा सोनार दुर्ग का खिड़की वाला दरवाजा खुलवा दिया गया। इससे अब सैलानियों को राहत मिलनी शुरू हो गई है। यह रास्ता सुचारू होने से पर्यटकों को सूरज प्रोल से सीधे दुर्ग की चौथी प्रोल तक पहुंचने का मार्ग मिल गया है। उल्लेखनीय है कि पर्यटकों की भारी भीड़ को दृष्टिगत रखते हुए इस आशय के समाचार प्रकाशित किये थे कि “भूखंड देने के बाद भी सोनार दुर्ग में वैकल्पिक मार्ग नहीं खोला, पर्यटक परेशान”। उसके बाद प्रशासन ने प्रसंज्ञान लेते हुए बंद दरवाजा खुलवाकर दुर्ग तक पैदल चलने वालों के लिए रास्ता सुगम बना दिया। जानकारी के अनुसार सूरज प्रोल के पास सीढ़ियां बनाकर एक प्राचीन वैकल्पिक मार्ग बनाया हुआ है। जिसका उपयोग 2011 में तत्कालीन जिला कलेक्टर गिरिराजसिंह कुशवाहा द्वारा खिड़की पाड़ा के पांच परिवारों का पुनर्वास करवाकर उन्हें लक्ष्मीचंद साँवल कॉलोनी में भूखंड आवांटित किये थे। पांचों परिवार वहां शिफ्ट भी हो गए थे और खिड़की मार्ग शुरू करवाया गया था। गौरलतब है कि दीपावली की पर्यटन सीजन में हजारों पर्यटक एक साथ सोनार दुर्ग को निहारने पहुंचते हैं। उस दौरान सैकड़ों की मात्रा में स्थानीय लोग लक्ष्मीनाथ जी के मंदिर जाते हैं। किले के निवासियों की भी आवाजाही उस वक्त रहती है, अब सबको राहत मिली है। वरिष्ठ नागरीक भोजराज ने बताया कि वर्तमान कलेक्टर प्रतापसिंह जिले के मुखिया का फर्ज बेहतरीन तरीके से निभा रहे है भोजराज ने बताया कि जिले के कई दुश्मन कलेक्टर प्रतापसिंह के पीछे पड़े हुए है परन्तु सांच को आंच नही की सोच चलेगी और चल रही है।
रिपोर्ट – कपिल डांगरा
