जैसलमेर। रेगिस्तान का जहाज कहे जाने वाले ऊंटों से राजस्थान के बीकानेर, जैसलमेर सहित कई जिलों में पर्यटन व्यवसाय में ऐतिहासिक बढ़ोतरी हो रही है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पर्यटन व्यवसाय से विदेशी मुद्रा की आवक को बढ़ाने हेतू अयोध्या,गांधीनगर सहित अनेक स्थानों पर सफलता मिली है।
उसी क्रम में जैसलमेर के उंठ पालकों हेतू सरकारी योजना के माध्यम से मदद करवा कर देसी विदेशी पर्यटन से होने वाले अरबों रुपए सालाना के पर्यटन व्यवसाय को आसमान की बुलंदिया प्रदान करवा सकते है। राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक कमेटी बनाकर ऊंट पालकों की समस्याओं का आंकलन कर निवारण कर छोटा बजट प्रदान कर राज्य को पर्यटन व्यवसाय में अग्रणी बना सकते है बस कमी है तो मु मंत्री की इच्छाशक्ति की है।
वर्तमान में केंद्र और राज्य सरकार से ऊंटों कै संरक्षण में क्या योजनाएं सरकार चला रही है उसके बारे में और ऊष्टं प्रजनन योजना का लाभ पशुपालकों को नहीं मिला है। देगराय ऊंट पालकों ने शनिवार सुबह को विश्व ऊंट दिवस मनाया इंटेक व बृज फाऊंडेशन द्वारा अचला गांव में ऊंट पशुपालकों ने ऊंट दिवस मनाया ओर ऊंट पशुपालकों ने अपने अपने विचार रखे ऊंटों की घटती संख्या को देखते हुए जागरुकता व अन्तर्राष्ट्रीय ऊंट वर्ष 2024 को मध्य नजर रखते हुए आगे सरकार से ऊंटों कै संरक्षण में क्या योजनाएं सरकार चला रही है।
उसके बारे में ओर ऊष्टं प्रजनन योजना का लाभ पशुपालकों को नहीं मिला ईसके बारे में देगराय ऊंट संरक्षण संस्थान।
अध्यक्ष सुमेर सिंह भाटी सावता ने बताया कि ऊंट संरक्षण योजनाओं में सरकार का ध्यान आकर्षित करवाने का कार्य किया जाएगा पशुपालक कंवराराम जोराराम देवाराम उपस्तिथ रहे। भाटी ने बताया कि इंटैक जैसलमेर विक्रमसिंह नाचना यशवर्धन बाङमेर महेंद्रसिंह जोधपुर के मार्ग दर्शन में ऊंट संरक्षण में आगे कार्य किया जाएगा।
रिपोर्ट: कपिल डांगरा, जैसलमेर