
गोवा/ प्रेस सूचना ब्यूरो दिल्ली द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार –“ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का सीधा हमला है, और अगर पाकिस्तान किसी भी तरह की बुराई या अनैतिकता का सहारा लेता है, तो उसे इस बार भारतीय नौसेना की मारक क्षमता और गुस्से का सामना करना पड़ेगा,” रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने 30 मई, 2025 को गोवा तट पर भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर अधिकारियों और नाविकों को संबोधित करते हुए कहा। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना की “मौन सेवा” की सराहना करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि शक्तिशाली कैरियर बैटल ग्रुप ने सुनिश्चित किया कि पाकिस्तानी नौसेना बाहर न निकले, अन्यथा उसे परिणाम भुगतने पड़ते।
उन्होंने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया कि यदि उसने बुरी नजर डालने की कोशिश की, तो नई दिल्ली की जवाबी कार्रवाई भारतीय नौसेना के हाथों होगी। श्री राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान को यह समझने की जरूरत है कि आजादी के बाद से वह जो खतरनाक आतंकवाद का खेल खेल रहा है, उसका समय समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा, “अब यदि पाकिस्तान भारत के खिलाफ कोई आतंकवादी कार्रवाई करता है, तो उसे परिणाम भुगतने होंगे और हार का सामना करना पड़ेगा। भारत इसमें संकोच नहीं करेगा।
वह आतंकवाद के खतरे को जड़ से खत्म करने के लिए हर तरीका अपनाएगा।” रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की धरती से भारत विरोधी गतिविधियां खुलेआम चल रही हैं और भारत सीमा और समुद्र दोनों तरफ आतंकवादियों के खिलाफ हर तरह की कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया आतंकवाद के खिलाफ अपने नागरिकों की रक्षा करने के भारत के अधिकार को स्वीकार कर रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान को अपनी धरती पर चल रहे आतंकवाद की नर्सरी को अपने हाथों से उखाड़ फेंकना चाहिए। श्री राजनाथ सिंह ने हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को भारत को सौंपने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “ये दोनों न केवल भारत की ‘मोस्ट वांटेड आतंकवादियों’ की सूची में हैं, बल्कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी भी हैं।
मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को हाल ही में भारत लाया गया है। हाफिज सईद भी मुंबई हमलों का दोषी है और उसके अपराध के लिए न्याय किया जाना चाहिए।” पाकिस्तान द्वारा बार-बार बातचीत की पेशकश पर रक्षा मंत्री ने फिर स्पष्ट किया: “अगर बातचीत होगी, तो यह केवल आतंकवाद और पीओके पर होगी। अगर पाकिस्तान बातचीत के लिए गंभीर है, तो उसे हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को भारत को सौंप देना चाहिए ताकि न्याय हो सके।”
एकीकृत अभियान में भारतीय नौसेना की भूमिका को सराहनीय बताते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जब भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तानी धरती पर आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, तो अरब सागर में नौसेना की आक्रामक तैनाती, इसकी बेजोड़ समुद्री क्षेत्र की जानकारी और वर्चस्व ने पाकिस्तानी नौसेना को उसके अपने तटों तक सीमित कर दिया। उन्होंने कहा, “पहलगाम आतंकवादी हमले के 96 घंटों के भीतर समुद्र में तैनात हमारे पश्चिमी बेड़े के जहाजों ने पश्चिमी और पूर्वी तट पर सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और टॉरपीडो की सफल फायरिंग की। इसने हमारे प्लेटफॉर्म, सिस्टम और चालक दल की युद्ध तत्परता और हमारे इरादे और तत्परता को प्रदर्शित किया, जिससे दुश्मन को रक्षात्मक मुद्रा में आने के लिए मजबूर होना पड़ा।”