पाली की खेल प्रतिभा एक बार फिर राष्ट्रीय मंच पर चमकी है। लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU), जालंधर (पंजाब) में आयोजित 54वीं केंद्रीय विद्यालय राष्ट्रीय हैंडबॉल प्रतियोगिता (National Handball Championship) में पाली की बेटियों ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए न केवल गोल्ड और सिल्वर मेडल अपने नाम किए, बल्कि पूरे राजस्थान को गौरवान्वित किया।
14 वर्ष की टीम ने पहली बार जीता स्वर्ण पदक
इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में 14 वर्ष छात्रा वर्ग की टीम ने इतिहास रचते हुए पहली बार स्वर्ण पदक अपने नाम किया। टीम ने सेमीफाइनल में मुंबई और फाइनल में हैदराबाद जैसी मजबूत टीमों को हराकर जीत दर्ज की। पिछले वर्ष की फाइनल हार को पीछे छोड़ते हुए इस बार टीम ने आत्मविश्वास और समर्पण से मैदान में उतरकर हर मुकाबले में उत्कृष्ट खेल दिखाया।
17 वर्ष छात्रा वर्ग की टीम को मिला रजत पदक
वहीं 17 वर्ष छात्रा वर्ग की टीम ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रतियोगिता के फाइनल तक का सफर तय किया। इस टीम ने अपने सभी मैच जीतकर फाइनल में प्रवेश किया, जहां उन्हें पटना से कड़े मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। टीम के प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया कि पाली की बेटियां किसी भी स्तर पर मुकाबला करने की क्षमता रखती हैं।
पाली की बेटियों की संख्या रही सबसे अधिक
विद्यालय के प्राचार्य एच.एल. मीणा ने बताया कि जयपुर रीजन की अंडर-14 टीम में पाली केंद्रीय विद्यालय की 16 छात्राएं शामिल थीं, जबकि अंडर-17 टीम में भी पाली की 4 छात्राएं खेल रहीं थीं। उन्होंने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए सभी खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और अभिभावकों को बधाई दी।
खेल प्रभारी एल.आर. मीणा और टीम का रहा महत्वपूर्ण योगदान
टीम के कोच और शारीरिक शिक्षक एल.आर. मीणा ने बताया कि खिलाड़ियों ने अनुशासन, मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया है। उनकी देखरेख में टीम ने पिछले कुछ वर्षों में निरंतर अभ्यास कर यह स्तर हासिल किया है। टीम के साथ श्याम सिंह भाटी, पूजा और कोमल भी उपस्थित रहे, जिन्होंने खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया।
पाली में होगा भव्य स्वागत
टीम के पाली लौटने पर रेलवे स्टेशन पर भव्य स्वागत की तैयारी की जा रही है। खिलाड़ियों के अभिभावक और विद्यालय परिवार इस जीत को जिले के लिए गर्व का क्षण मानते हैं। यह उपलब्धि न केवल विद्यालय के लिए गौरव की बात है, बल्कि पाली की खेल संस्कृति को नई ऊर्जा देने वाली घटना भी है।
खेल भावना को मिली उड़ान, भविष्य के लिए बनी प्रेरणा
पाली की बेटियों की यह ऐतिहासिक उपलब्धि उन सभी नवोदित खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा बनेगी जो खेल को करियर के रूप में देख रहे हैं। यह सफलता दर्शाती है कि यदि सही मार्गदर्शन, अभ्यास और आत्मविश्वास हो, तो छोटे शहरों की बेटियां भी राष्ट्रीय मंच पर बड़ा परचम लहरा सकती हैं।
रिपोर्ट – रविन्द्र सोनी