
Barmer। सामाजिक विकास के लिए महिलाओं की भागीदारी जरूरी हैं l किसी भी समाज की पहचान उस समाज की महिलाओं की दशा से होती है। आज के समारोह में बड़ी तादाद में महिलाओं की भागीदारी के साथ भामाशाह सम्मान में उनका योगदान यह दर्शाता है कि बाड़मेर का मेघवाल समाज उन्नति की राह पर अग्रसर हैl एमएस 4 के उत्तीर्ण छात्र जहां यूपीएससी की परीक्षाओं को क्रेक कर रहे है, आने वाले समय में एमएस 4 की बालिकाएं भी इस मुकाम को हासिल करेगी, इसका उनको पूरा विश्वास है। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ मंजु बाघमार ने रविवार को रीको एरिया में मेघवाल समाज शैक्षणिक एवं शोध संस्थान के बालिका छात्रावास के भूमि पूजन और भामाशाह सम्मान समारोह को मुख्य अतिथि के रूप संबोधित करते हुए यह बात कही।
राज्यमंत्री बाघमार ने कहा कि उन्हे खुशी है कि बाड़मेर का मेघवाल समाज शिक्षा के प्रति गंभीर है और उसकी झलक यहां साफ दिख रही है। उन्होेंने कहा कि जहां बात समाज की हो वहां सभी को मतभेद एवं राजनीतिक विचारधारा को भुलाकर एक जाजम पर आना चाहिए और समाज विकास में योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने जो अधिकार अनुसूचित जाति-जनजाति और विशेष रूप से महिलाओं को दिए थे, उसके बुते आज समाज उन्नति की ओर अग्रसर है। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री बाघमार ने कहा कि बाड़मेर जिले में शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट पहल की गई है l उन्होंने इस कार्य में सहयोग करने वालों की सराहना करते हुए कहा कि बालिका शिक्षा एवं नारी सशक्तिकरण में मौजूदा समय की खास जरूरत है l राज्यमंत्री बाघमार ने कहा कि शिक्षा से ही महिलाओं का सशक्तिकरण संभव है। उन्होंने महिला सशक्तिकरण के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में अवगत कराया l
कार्यक्रम के अध्यक्ष चौहटन विधायक आदूराम मेघवाल ने कहा कि बालिका शिक्षा के बिना किसी भी समाज का विकास अधूरा ही होता है। मेघवाल समाज ने इस पीड़ा को समझा और उसके लिए जो कदम उठाए वह सराहनीय है। 1999 में एमएस 4 की जो नीव रखी थी, उसमें बालिका छात्रावास की आज नीव रखना अधूरे सपने को पंख देने जैसा है। इसलिए सभी को चाहिए कि इस मुहिम में बढ़ चढ़कर योगदान दे। बालिका छात्रावास के लिए जिन लोगो ने भूमि क्रय में सहयोग दिया वह भूदान कर्ता समाज के गौरव है। उन्होनें कहा कि आगे भी छात्रावास निर्माण के लिए अन्य भामाशाहो को दिल खोलकर सहयोग देना चाहिए ताकि कम समय में जल्द से जल्द बालिकाओं के लिए नवीन भवन बनकर तैयार हो सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार बाबा साहब के सपनो को पूरा करने के साथ ही महिलाओं के विकास में विशेष रूप से कार्य कर रही है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि मेघवाल समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष रूपाराम मेघवाल ने कहा कि वह जहां से आते है, वहां बेटियों की एक समय में कब्रगाह कहा जाता था और जन्म होते ही मार दिया जाता था। लेकिन उन्होने उस परिस्थिति में अपनी पांच-पांच बेटियों को बेहतरीन शिक्षा देकर स्वयं के पैरो पर खड़ा किया जो आज समाज के लिए आदर्श है। मेघवाल ने कहा कि हमे बेटियों के साथ होने वाले भेदभाव को खत्म कर उन्हे शिक्षा के बराबर के मौके देने होगे l तभी उनमें भी समाज के आईएएस-आईपीएस इस मंच पर बैठे नजर आएंगे। मेघवाल समाज के लोगो से समाज के योग्य व्यक्ति को बोस स्वीकार करने, टांग खिंचाई को समाप्त करने का आहान किया। कार्यक्रम में चौहटन के पूर्व विधायक पदमाराम मेघवाल ने कहा कि एमएस 4 संस्थान पूरे प्रदेश के लिए मिसाल है। आज तक के कार्यकाल में संस्थान को संभालने वाले अध्यक्षो एवं उनकी टीम ने संस्थान को अपना शत-प्रतिशत योगदान देकर
आज इस ऊंचाईयों तक पहुंचाया।
उन्होंने नशा मुक्ति, ओसर-मोसर पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक कुरीतियों और नशामुक्ति से ही मेघवाल समाज ओर ज्यादा तेजी से विकास की राह पर आगे बढ़ सकेगा। एमएस 4 के पूर्व अध्यक्ष डॉ. बी.एल. मंसुरिया ने कहा कि जब एम.एस.4 की शुरूआत 1999 में की गई थी, तब मन में एक टीस थी कि बाड़मेर में समाज के छात्रों को शिक्षा के लिए एक ऐसा स्थान मिले जहां वह बेहतरीन पढ़ाई प्राप्त कर सके। आज काफी हद तक यह पूर्ण हुआ है, बाकी जो कमी बालिका छात्रावास की रही थी वह आज पूरी होती नजर आ रही है। इसके लिए पूरे समाज का योगदान सराहनीय है।
एमएस 4 के अध्यक्ष डॉ. राहुल बामणिया ने कहा कि उन्होने अपने कार्यकाल के दौरान बालिका छात्रावास के लिए विशेष फोकस किया, इसलिए दो साल तक निजी मकान में बालिकाओं के लिए छात्रावास चलाया। इसी कड़ी में छात्रावास के लिए भूमि क्रय की गई, जिसका आज भूमि पूजन हुआ है। इस भूमि क्रय करने और निर्माण में सहयोग करने वाले सभी भामाशाह के वह आभारी है, जिन्होने समाज की बालिकाओं की शिक्षा के लिए चिंता करते हुए यह बहुुमुल्य योगदान दिया। वही, पूर्व जिला प्रमुख प्रियंका मेघवाल ने महिला सशक्तिकरण एवं
बालिका शिक्षा से जुड़े विविध पहलुओं पर प्रकाश डाला l
कार्यक्रम में नवचयनित आईएएस तन्यम मंसुरिया ने कहा कि जब उन्होने यूपीएससी की तैयारी शुरू की और मन मुताबिक नतीजे नहीं मिले तो वह मायुस हुए। लेकिन सफलता के साथ समाज के युवाओं का प्रेरणा बनना खुशी देता है। एमएस 4 से उनका जुड़ाव उनके पिता के कारण बचपन से रहा है और वह निरन्तर संस्थान के संपर्क में रहे है। आशा करते है कि जल्द समाज की बालिकाएं भी इस छात्रावास से शिक्षा प्राप्त कर यूपीएससी परिक्षाओं में सफलता हासिल कर पाएंगी।
नवचयनित आईएएस और एमएस 4 के पूर्व छात्र लोकेन्द्र कुमार ने कहा कि उन्होंने 2016 तक इस छात्रावास में रहकर पढ़ाई की। यहां संस्थान के अध्यक्ष, वार्डन का सहयोग एवं प्रेरणा से यूपीएससी परीक्षा क्रेक की। लोकेन्द्र ने समाज में नशा खोरी को समाप्त करने, मृत्युभोज को बंद करने की समाज से अपील की। संस्थान महासचिव जसराज चौहान ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। मंच संचालन मीना मंसुरिया एवं अशोक देवपाल ने किया। केलम और दरिया ने भजनों की प्रस्तुति दी l
भूदान कर्ताओं का हुआ सम्मान
एमएस 4 बालिका छात्रावास की भूमि क्रय करने वाले भामाशाहों का अतिथियों ने सम्मान किया। समारोह के दौरान भवन निर्माण के लिए 31 कमरो के लिए 46.50 लाख रूपए की घोषणा भामाशाहो की ओर से की गई, जिनका भी सम्मान किया गया। समारोह में बड़ी तादाद में बाड़मेर समेत विभिन्न जिलों के मेघवाल समाज के लोग शामिल हुए l
रिपोर्ट – ठाकराराम मेघवाल