
Jaisalmer। महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 के संबंध में संवेदनशीलता और जागरूकता बढ़ाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव किशोरकुमार तालेपा की अध्यक्षता में एयरफोर्स स्टेशन के गोरबंद हॉल में कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में एयरफोर्स स्कूल के कार्यकारी निदेशक संचितासिंह, स्कूल प्रबंधक योगेश सिलोरा, प्रधानाध्यापक मोहम्मद नासिरुद्दीन, प्रधानाध्यापिका सरोज कविया तथा स्कूल के समस्त अध्यापकगणों के साथ असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल शिप्रा शांडिल्य और खेमेन्द्रसिंह ने भाग लिया।
कार्यशाला में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव किशोरकुमार तालेपा ने “महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम, 2013” के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कार्यस्थल पर महिला उत्पीड़न की रोकथाम एक अत्यंत संवेदनशील एवं आवश्यक विषय है। प्रत्येक कार्यस्थल पर, जहां महिला कार्मिक कार्यरत हैं, इस अधिनियम की जानकारी देना आवश्यक है ताकि महिलाएं इसके प्रति जागरूक हो सकें और एक सुरक्षित तथा मुक्त वातावरण में कार्य कर सकें।
कार्यशाला के दौरान शिप्रा शांडिल्य ने अधिनियम के प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक नियोजक को लिखित आदेश द्वारा “आंतरिक परिवाद समिति” का गठन करना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि यदि किसी विभाग में 10 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हों, तो आंतरिक परिवाद समिति गठित करना अनिवार्य है। साथ ही, इस समिति के गठन की सूचना कार्यस्थल के सुगम और सुस्पष्ट स्थान पर चस्पा करना आवश्यक है, ताकि महिला कार्मिकों को इसकी जानकारी हो और आवश्यकता पड़ने पर वे समिति के माध्यम से संरक्षण प्राप्त कर सकें।
कार्यशाला में असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल खेमेन्द्रसिंह ने “विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987” के तहत विधिक सेवा संस्थाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली निःशुल्क विधिक सहायता की पात्रता और प्रक्रिया, राष्ट्रीय लोक अदालत एवं स्थायी लोक अदालत के संबंध में भी सारगर्भित जानकारी प्रदान की।