
Rajsamand। नगर परिषद राजसमंद आयुक्त द्वारा परिसिमन के नाम पर राजसमंद विधानसभा के 6 राजस्व गांवो को नगर परिषद में शामिल करने का प्रस्ताव 14 फरवरी को राजसमंद जिला कलक्टर को भिजवाया गया था। जिस पर पसुन्द सरपंच अयन जोशी ने बताया कि यह प्रस्ताव में अधिकारी द्वारा गाँव वालो से बिना पूछे या बिना बताए बनाया गया।
इसकी किसी भी तरह से किसी भी ग्रामवासी को कोई जानकारी नही थी। जब इस प्रस्ताव के बारे में ग्रामवाशियों को पता चला तो मोरचणा, भगवान्दा खुर्द, पीपरडा, शंकरपुरा, एमड़ी एवं केरोट के समस्त ग्रामवाशी हजारों की संख्या में जिला कलेक्टर मुख्यालय पर पहुंचे जहाँ सभी ने एकजुट होकर प्रशासन को नगर परिषद द्वारा गुपचुप में पूर्णरूप से भेदभाव करते हुए बनाए गए परीसीमन के इस प्रस्ताव पत्र को खारीज करने की मांग की।
पूर्व उप्रधान सुरेश जोशी, पूर्व जिलामंत्री श्रीकिशन पालीवाल, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य मांगीलाल कुमावत, उप्रधान सुरेश कुमावत, पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष गणेश पालीवाल के नेतृत्व में हजारों की संख्या में लोगो ने प्रस्ताव खारिज नहीं करने पर चुनाव मतदान बहिस्कार की चेतावनी दी। जिला कलक्टर बाल मुकुंद असावा को हर राजस्व गांव के 5-5 की टूकडी में गाँव के वरीष्ठ जनों द्वारा ज्ञापन सौंपकर नगर परिषद द्वारा जारी आदेश को खारिज करने की मांग की।
सरपंच जोशी ने बताया कि इस संदर्भ में 6 ही राजस्व गांव के ग्रामवासी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा राजस्थान सरकार व संबन्धित मंत्री झाबर सिंह खर्रा, महिमा कुमारी मेवाड़ सांसद राजसमन्द, भाजपा जिलाध्यक्ष जगदीश पालीवाल, पूर्वभाजपा जिलाध्यक्ष मानसिंह बारहठ को ज्ञापन सौंपकर प्रस्ताव को रदद करवाने हेतु मांग की है। ग्रामवासियो ने एक स्वर में प्रस्ताव को खारिज नही करने पर आगामी समस्त चुनावो में मतदान बहिष्कार करने के नारे लगाए।
ये 6 राजस्व गांव भाजपा के गढ़ माने जाते है लेकिन ग्रामवासियों का कहना है कि भाजपा सरकार के गढ़ होने के बावजूद अगर ऐसी परिस्थिति बनती है ओर परिसीमन का यह प्रस्ताव रद्द नही किया जाता है तो भाजपा संगठन 14500 के लगभग मतदाताओं का बाहुल्य रखने वाले इन गढ़ो में संगठन को भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा।
रिपोर्ट – नरेंद्र सिंह खंगारोत