बाड़मेर (Barmer) पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग के कैबिनेट मंत्री व बाड़मेर जिले के प्रभारी मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने अपने प्रवास के दौरान रविवार को आदर्श डूंडा में बाबा रामदेव मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा एवं जीवित भंडारा कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने श्री श्री 1008 खुशाल गिरी जी महाराज व अन्य संतों से आशीर्वाद लिया। साथ ही मंत्री श्री कुमावत के कार्यक्रम में पहुंचने पर पोकरण विधायक प्रतापपुरी जी महाराज सहित आयोजकों ने उनका सम्मान किया। इस दौरान पशुपालन मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने गाय को राज्य माता का दर्जा देने की मांग पर संबोधित करते हुए कहा कि शास्त्रों में लिखा है कि ”गावो विश्वस्य मात्रे” यानी गाय विश्व की माता है। उन्होंने कहा कि गाय को ऐसे ही माता नहीं कहा गया है, क्योंकि गौमाता या कामधेनु के नाम से प्रसिद्ध, “गौ माता” को भारत में न केवल उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली चीज़ों के लिए, बल्कि उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा के तरीके के लिए भी सम्मान दिया जाता है। श्री कुमावत ने कहा- प्राचीन काल से ही, हिंदू गाय की पूजा और संरक्षण करते रहे हैं, यह मानते हुए कि यह पशु 33 करोड़ देवताओं का प्रतीक है। प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों में भी गाय को एक दिव्य प्राणी के रूप में भी वर्णित किया गया है जो सृष्टि के आरंभ में ही विद्यमान थी और आधुनिक विश्व में भी गायों को जीवन की उत्पत्ति के एक पवित्र प्रतीक के रूप में पूजनीय माना जाता है। यह श्रद्धा दैनिक जीवन और आध्यात्मिक साधना, दोनों में प्रकट होती है। उन्होंने कहा कि गऊ माता का व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में बड़ा योगदान है। जब व्यक्ति गऊ को पवित्र व शुभ मानकर उसकी सेवा करता है तब वह व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, आर्थिक और आध्यात्मिक विकास करती है। पर्यावरण शुद्धि में भी गाय का योगदान है। आयुर्वेद में गोमूत्र और गोमूत्र से बनी दवाएं मधुमेह, कैंसर, एड्स,एक्जिमा आदि त्वचा रोग में फायदेमंद मानी जाती है। खेती के लिए गाय के गोबर अच्छा होता है। गोबर और गोमूत्र जैविक खाद- मिट्टी के पोषण के लिए कीटनाशक के रूप में कार्य करता है। गांवों में घरों की दीवारों और फर्श पर गोबर लेपन से जीवाणुओं का नाश होता है । श्री कुमावत ने कहा कि आज की बदलती पर्यावरण की परिस्थितियों में शुद्ध हवा की वातावरण में बहुत कमी हो रही है। जीवन जीने के लिए हमें ऑक्सीजन की जरूरत होती है। गाय 24 घंटे ऑक्सीजन देती है। इस तरह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से गाय में सबसे बड़े देवता का वास है। गाय को रोजगार से भी जोड़ना चाहिए। गोबर प्लांट लगाकर उसकी गैस का घरों में प्रयोग किया जाए। हमने यदि गाय के गोबर को आजीविका से जोड़ दिया तो नए समृद्ध भारत का निर्माण होगा। श्री कुमावत ने कहा कि निराश्रित गाय को गोशाला में रखकर केंद्र व राज्य सरकार की ओर से वित्तीय सहायता देकर उसका पालन पोषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दूधारू गाय को सड़कों पर छोड़ने की आदत बदलनी होगी। उन्होंने पशुपालकों से आह्वान कि वे गाय को घर में रखकर ही पालें, ताकि बेसहारा पशुओं की वजह से होने वाले हादसों को रोका जा सके। इस मौके पर चौहटन विधायक आदूराम मेघवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष अनंतराम बिश्नोई, जिलामंत्री देवीलाल प्रजापत, एमएलए प्रत्याशी दीपक कड़वासरा, पूर्व जिलाध्यक्ष दिलीप पालीवाल आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट – ठाकराराम मेघवाल
