भारतीय मनीषा के सभी ऋषियों, चिंतकों और मनीषियों के उपदेशों का सार एक ही है कि मनुष्य समाज में सामाजिक समरसता से रहे और अपना आत्मिक उत्थान भी करें।योग , व्यायाम आदि सभी उसी की कड़ियां है। भीनमाल (Bhinmal) में राम कथा की पूर्णाहुति के बाद उज्जैन के मानस मर्मज्ञ श्याम स्वरूप मनावत ने स्थानीय नेहरू पार्क में सन टू ह्यूमन के दैनिक प्रयोग के दौरान साधकों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने योग ऋषि पतंजलि के यम नियम की चर्चा करते हुए कहा कि सुचिता और आत्म अनुशासन के नियम के बिना जीवन अधूरा है। उन्होंने दैनिक प्रयोग में आने वाले साधकों को साधुवाद देते हुए कहा कि जीवन में शारीरिक और मानसिक स्तर पर सकारात्मक बदलाव के लिए नित्य सूर्योदय से पूर्व उठकर आना पूरे दिन की ऊर्जा को गृहण करना जीवन को उत्सव बनाना है। सन टू ह्यूमन के योग प्रशिक्षक परम आकाश कन्हैयालाल खंडेलवाल ने सन टू ह्यूमन मिशन का परिचय दिया। डॉ श्रवण कुमार मोदी ने भी योग की महत्ता बताई। हनुमान शर्मा, नारायण जांगिड़, जोगाराम चौधरी , सुरेश माली, रतनलाल, नवरतन अग्रवाल, जीवाराम विश्नोई, सुमित बाहेती , विश्नोई, राजेंद्र पालगोता, दौलत मेहता, जयरूप राम माली, लादूराम गौड़, किशोर सुथार, डॉ विश्वास, अशोक मेहता, नवलाराम, सांवलाराम सेन, बाबूलाल सोलंकी, सीपी सोनी, देवेंद्र त्रिवेदी सहित बड़ी संख्या में स्त्री पुरुष साधक उपस्थित थे।
रिपोर्ट – परबतसिंह राव
