राजस्थान में सिरोही जिले के स्वरूपगंज थाना क्षेत्र के काछोली गांव में शुक्रवार की शाम को एक झोलाछाप नीम हकीम के उपचार में मासूम बालिका की मौत हो गई। झोलाछाप डॉक्टरों का इलाज कई बार जानलेवा भी साबित हुआ है। मगर प्रशासन की अनदेखी से कई बार मरीजों की मौत हुई है। जानकारी के अनुसार नरपतसिंह पुत्र वीरसिंह निवासी फूलाबाई खेड़ा ने रिपोर्ट दर्ज कर बताया कि उसकी सात वर्षीय बेटी जानवी को ज्यादा खांसी होने के कारण गांव में हॉस्पिटल खोल कर बैठे मंजूर हुसैन पुत्र इब्राहीम खनसिया निवासी मेहसाणा हाल काछोली के पास उपचार कराने ले आया था। चिकित्सक ने बच्ची को हेवी डोज का इंजेक्शन लगा दिया जिससे बच्ची की स्थिति मौके पर ही ज्यादा बिगड़ जाने और बेहोश होने पर चिकित्सक बच्ची को उपचार कराने के लिए आबूरोड़ हॉस्पिटल ले गया। जहां चिकित्सको ने जानवी को मृत घोषित किया।
परिजन रात को शव सरूपगंज के सरकारी अस्पताल लेकर आए जिसे मोर्चरी में रखवाकर शनिवार सुबह परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने एफएसएल टीम को मौके पर बुलाया वही गैर इरादन हत्या का मामला दर्ज कर नीम हाकिम चिकित्सक को हिरासत में लेकर जांच एवं मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद दोषी नीम हाकिम के खिलाफ कार्रवाई की बात कही। इस दौरान बीसीएमएचओ डॉ. भूपेंद्र प्रताप सिंह, थाना प्रभारी कमलसिंह, हैड कांस्टेबल लक्षमण, सरपंच विपेश गरासिया मौके पर मौजूद रहे। सिरोही के डिप्टी सीएमएचओ एस.पी. शर्मा का कहना हैं कि जिले भर में सीएमएचओ के निर्देश पर टीम गठित कर नीम हाकिम झोलाछापो के खिलाफ कार्रवाई कर इन्हें जिले से बाहर खदेड़ा जाएगा एवं विभाग के अधिकारियों की सह होगी तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्ट – विनोद दवे