
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में चल रहे महाकुंभ (Mahakumbh) मेले से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें एक महिला को ‘कांटे वाले बाबा’ के नाम से मशहूर रमेश कुमार मांझी के साथ अभद्र और गर्मागर्म बहस करते हुए देखा गया। कांटे वाले बाबा, जो कांटों के बिस्तर पर बैठकर तप और प्रार्थना करने के लिए जाने जाते हैं, इस झगड़े के दौरान असहाय नजर आए।
वीडियो में महिला बाबा पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए गुस्से में चिल्लाती दिख रही है। उसने मजाक उड़ाते हुए दावा किया कि वह बाबा के पास मौजूद सिक्कों को दो मिनट में करेंसी नोट में बदल सकती है। महिला ने बाबा को भड़काने वाले शब्दों से उकसाया, लेकिन बाबा ने उसे कोई सिक्का देने से इनकार कर दिया। महिला ने व्यंग्य करते हुए कहा, “आपने सन्यास लिया है, आपको पैसों की जरूरत नहीं है।” इसके जवाब में बाबा रोते हुए कहते हैं, “मेरे छोटे बच्चे हैं।”
वीडियो में देखा जा सकता है कि इस बहस के दौरान भीड़ ने महिला का साथ दिया, जिससे बाबा बेहद परेशान और असहाय नजर आए।
This is Ramesh Kumar Manjhi also known as Kaante Wale Baba. He is from ST community a d a proud Hindu.
He has been going to Kumbh Mela for many years & lies down on thorns. Maybe it is for penance or maybe to show his faith in Bhagwan or maybe to show his capacity of tolerating… pic.twitter.com/QkFTJHK1xr
— Incognito (@Incognito_qfs) January 20, 2025
कौन हैं कांटे वाले बाबा?
रमेश कुमार मांझी, जो अनुसूचित जनजाति समुदाय से आते हैं, हर कुंभ मेले में एक प्रमुख आकर्षण रहे हैं। भगवान की भक्ति में शारीरिक और मानसिक तपस्या करने के लिए पहचाने जाने वाले बाबा श्रद्धालुओं और दर्शकों का ध्यान खींचते हैं। बाबा स्वयं पैसे की मांग नहीं करते, लेकिन श्रद्धालुओं द्वारा दी गई भेंट को बिना किसी इनकार के स्वीकार करते हैं।
हालांकि, इस घटना के बाद, बताया जा रहा है कि बाबा ने अपमान से आहत होकर महाकुंभ मेला छोड़ दिया।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं पैदा की हैं। कई नेटिज़न्स ने महिला के व्यवहार की निंदा की है और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। एक यूजर ने लिखा, “उसे अपने कर्मों का फल मिलेगा। न्याय होना चाहिए।” इस वीडियो को अब तक दस लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है और यह लगातार गुस्से और आक्रोश का कारण बन रहा है। लोग प्रशासन से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील कर रहे हैं।
यह घटना महाकुंभ की पवित्रता और आस्था पर सवाल खड़े करती है और दर्शाती है कि हमें धर्म और आध्यात्मिकता के प्रति सम्मान बनाए रखना चाहिए।