Pahalgam Terror Attack: आतंक के साये में उजड़ते सपने और टूटते परिवार”23 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों की कहानियाँ हर भारतीय की आत्मा को झकझोर देती हैं। इन मृतकों में वे लोग थे, जो जीवन के सुनहरे पल जीने कश्मीर आए थे – कोई नवविवाहित था, कोई अपने बच्चे को बर्फ दिखाने आया था, कोई अपनी थकान मिटाने।
Navy Officer की चार दिन पहले हुई थी शादी, एक क्षण में उजड़ गया सपना
हरियाणा के करनाल जिले के निवासी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भारतीय नौसेना में कार्यरत थे और हाल ही में कोच्चि में पोस्टेड थे। महज दो साल पहले ही उन्होंने नौसेना जॉइन की थी। 16 अप्रैल को उनकी शादी हुई थी और वे अपनी पत्नी के साथ हनीमून मनाने पहलगाम आए थे। बर्फ से खेलते समय अचानक हुई आतंकी फायरिंग ने इस नवविवाहित जोड़े की खुशियों को चीर कर रख दिया। गोलियों की बौछार में विनय वहीं ढेर हो गए। उनकी पत्नी अब भी सदमे में हैं, कुछ बोल नहीं पा रहीं।
इस दर्दनाक खबर से उनके परिवार, समुदाय और रक्षा प्रतिष्ठान में गहरा शोक है। पड़ोसी नरेश बंसल ने मीडिया से कहा, “वो चार दिन पहले ही शादी कर के गए थे। सब बहुत खुश थे। हमें सूचना मिली कि आतंकियों की गोली से उनकी मौके पर ही मौत हो गई। वो नौसेना में अधिकारी थे।”
भारतीय नौसेना ने भी ट्विटर पर शोक प्रकट किया, “हमारे युवा अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की आतंकवादी हमले में हुई शहादत पर गहरा दुख है। नौसेना परिवार उनके परिवार के साथ खड़ा है। उनकी वीरता को सलाम।”
एक और नवविवाहित जोड़ा उजड़ गया
कानपुर निवासी शुभम द्विवेदी की शादी फरवरी में हुई थी। अपनी पत्नी के साथ पहली बार कश्मीर घूमने आए थे। पहलगाम की वादियों में छुट्टियाँ मना रहे इस जोड़े की खुशियाँ कुछ ही क्षणों में गोलियों से चकनाचूर हो गईं।
शुभम को सिर में गोली लगी और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। उनकी पत्नी बुरी तरह घायल हो गईं और अस्पताल में भर्ती हैं। शुभम के माता-पिता ने कहा, “हमने अपने बेटे को विदा किया था ताकि वह जीवन के नए अध्याय की शुरुआत करे, लेकिन हमें अब उसकी लाश मिली।”
‘डैडी डैडी!’ – तीन साल के मासूम की चीखें और बिटन अधिकारी की मौत
टीसीएस में काम करने वाले और वर्तमान में अमेरिका के फ्लोरिडा में रहने वाले बिटन अधिकारी अपने तीन वर्षीय बेटे और पत्नी के साथ भारत घूमने आए थे। पहलगाम में उनका परिवार बर्फ की वादियों में सुकून ढूंढ़ रहा था जब आतंकियों की गोलियों ने उनका सब कुछ छीन लिया। बिटन की मौके पर ही मौत हो गई। उनका मासूम बेटा गोलियों की आवाज़ों के बीच रोते हुए “डैडी… डैडी” चिल्लाता रहा। यह दृश्य आसपास मौजूद सभी लोगों को भीतर तक झकझोर गया।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया और बिटन की पत्नी से व्यक्तिगत रूप से फोन पर बात की। उन्होंने ट्वीट किया:
“बिटन अधिकारी की मौत की खबर ने हमें अंदर से तोड़ दिया है। हमारी संवेदनाएँ उनके परिवार के साथ हैं। हमने राज्य सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।”
भाई की पुकार: “मेरी भाभी और भतीजा कहाँ हैं?”
ओडिशा के वरिष्ठ लेखाधिकारी प्रशांत सतपथी अपने छोटे बेटे और पत्नी के साथ छुट्टियाँ मनाने पहलगाम आए थे। आतंकियों के हमले में उनकी जान चली गई। लेकिन त्रासदी यहीं नहीं रुकी – उनके परिवार को अब तक उनकी पत्नी और बेटे की कोई जानकारी नहीं है।
उनके बड़े भाई, सुशांत सतपथी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमें लगभग 3 बजे जानकारी मिली। जब हमने टोल-फ्री नंबर पर कॉल किया, तो बस बताया गया कि मेरे छोटे भाई की मौत हो गई है। उनकी पत्नी और बेटे के बारे में कुछ नहीं बताया गया। वो अकाउंट्स ऑफिसर थे, थोड़ी छुट्टी लेकर परिवार के साथ कश्मीर घूमने गए थे।”
इस परिवार की दशा ऐसी है, जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है।
महाराष्ट्र और गुजरात से आए दो परिवारों का उजड़ जाना
दिलीप देसाले और शैलेश कदतिया अपने-अपने परिवारों के साथ पहलगाम आए थे। ये लोग कश्मीर की वादियों में प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले रहे थे, जब गोलियों की गूंज ने सब कुछ खत्म कर दिया। दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। उनके परिवार अब भी इस आघात से उबर नहीं पा रहे हैं। गुजरात और महाराष्ट्र सरकारों ने मृतकों के परिवारों को सहायता देने की घोषणा की है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “यह कायरतापूर्ण हमला हमारे देशवासियों की हिम्मत और जज्बे को नहीं तोड़ सकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह आतंकवादियों और पाकिस्तान को सबक सिखाएंगे, जो उन्हें समर्थन दे रहे हैं। पाकिस्तान ने खेल शुरू किया है, लेकिन हमें विश्वास है कि भारतीय जवान इसे समाप्त करेंगे।”
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “हमारे राज्य के तीन नागरिकों की इस हमले में मृत्यु हुई है, यह अत्यंत दुखद है। हम उनके परिवारों के साथ हैं और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।”
आईबी अफसर, जो देश की सेवा करते हुए शहीद हो गया
इंटेलिजेंस ब्यूरो में मंत्री वर्ग (Ministerial section) में तैनात मनीष रंजन अपने परिवार के साथ ‘लीव ट्रैवल कन्सेशन (LTC)’ पर कश्मीर आए थे। वह ‘बेसरन वैली’ – जिसे ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ कहा जाता है – में थे, जब हमला हुआ। आतंकियों ने उन्हें उनकी पत्नी के सामने ही गोली मार दी। उनकी पत्नी चीखती रह गईं, “इन्हें छोड़ दो, ये देश की सेवा करते हैं!”
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा, “यह कायरतापूर्ण हमला हमारे देशवासियों की हिम्मत और जज्बे को नहीं तोड़ सकता। केंद्र सरकार को चाहिए कि इस जघन्य कृत्य के लिए ज़िम्मेदार आतंकियों पर कठोरतम कार्रवाई करे।”
मुख्यमंत्री ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवारों के लिए संवेदना प्रकट की।