
टर्की (Turkey) और अज़रबैजान (Azerbaijan) में भारतीय पर्यटकों ने साल 2024 में करीब ₹4,000 करोड़ खर्च किए, लेकिन अब इन देशों की भारत-विरोधी टिप्पणियों के चलते इनका बहिष्कार शुरू हो गया है। सोशल मीडिया पर चल रही मुहिम ने तेजी पकड़ी है, और कई प्रमुख ट्रैवल कंपनियों ने इन दोनों गंतव्यों के लिए अपनी प्रचार गतिविधियाँ रोक दी हैं।
क्या है विवाद की जड़?
7 मई को भारतीय सेना ने ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया। यह कार्रवाई अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। इसके बाद टर्की और अज़रबैजान ने सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान के समर्थन में बयान दिए, जिससे भारत में जनाक्रोश फैल गया।
प्रतिक्रिया में बहिष्कार की मांग तेज
हालांकि सरकार की ओर से आधिकारिक रूप से कोई बहिष्कार की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey और #BoycottAzerbaijan जैसे ट्रेंड वायरल हो रहे हैं। ट्रैवल कंपनी मेकमाईट्रिप के अनुसार, इन दोनों देशों के लिए फ्लाइट बुकिंग में 60% तक गिरावट आई है, जबकि रद्दीकरण 250% तक बढ़े हैं।
EaseMyTrip, Cox & Kings, ixigo, और Travomint जैसी अन्य कंपनियों ने भी समान कदम उठाए हैं।
भारतीय पर्यटक कितना प्रभाव डाल सकते हैं?
EaseMyTrip के सह-संस्थापक निशांत पिट्टी के अनुसार, 2023 में 2.87 लाख भारतीयों ने टर्की की यात्रा की थी, जो 2022 की तुलना में 25% अधिक थी। उन्होंने बताया कि प्रति पर्यटक औसतन ₹1 लाख से अधिक खर्च हुआ। टर्की की जीडीपी का 12% और रोजगार का 10% पर्यटन पर निर्भर है, और भारत इसके सबसे तेजी से बढ़ते स्रोत बाजारों में से एक है।
उद्योगपति हर्ष गोयनका ने भी सोशल मीडिया पर लिखा कि भारतीय पर्यटकों ने 2024 में इन दोनों देशों में ₹4,000 करोड़ खर्च किए — जिससे वहां की अर्थव्यवस्था, होटल, उड़ानें और शादियों को बढ़ावा मिला। उन्होंने लिखा, “भारत और दुनिया में कई खूबसूरत जगहें हैं, इन दो देशों को फिलहाल टालें।”
क्या यह मालदीव जैसे बहिष्कार की शुरुआत है?
2024 में 2.43 लाख भारतीयों ने अज़रबैजान का दौरा किया, जबकि 2014 में यह संख्या महज 4,853 थी। वहीं टर्की में 2024 में 3.3 लाख भारतीय पर्यटक पहुंचे। अब इनमें से बड़ी संख्या में लोग अपने ट्रैवल प्लान बदल रहे हैं।
EaseMyTrip के सीईओ रिकांत पिट्टी ने बताया कि टर्की के लिए बुकिंग में 22% और अज़रबैजान के लिए 30% की गिरावट आई है। लोग अब जॉर्जिया, सर्बिया, ग्रीस, थाईलैंड और वियतनाम जैसे विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं।
ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की पूर्व अध्यक्ष ज्योति मायल ने भी कहा, “हमने टर्की और अज़रबैजान को पर्यटन के माध्यम से बहुत समर्थन दिया है। अब समय है कि हम उनके भारत-विरोधी रुख पर अपना असंतोष स्पष्ट करें।”