
Bengaluru Stampede: RCB की पहली IPL ट्रॉफी जीत का जश्न मंगलवार शाम एक भयावह हादसे में तब्दील हो गया, जब एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भारी भीड़ के चलते मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 47 अन्य घायल हो गए। कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ. जी परमेश्वर के अनुसार, करीब 8 लाख लोग इस समारोह में शामिल होने के लिए शहर में उमड़े थे।
गृह मंत्री ने कहा, “हमें उम्मीद थी कि विधान सौधा के बाहर लगभग 1 लाख लोग और स्टेडियम के बाहर 25,000 लोग इकट्ठा होंगे, लेकिन 2.5 लाख से अधिक लोग आ गए। मेट्रो की 8.70 लाख टिकटें बिकीं। इससे संकेत मिलता है कि करीब 8 लाख लोग आए थे।” उन्होंने बताया कि यह संख्या क्रिकेट इतिहास में अभूतपूर्व थी, और यदि आयोजन सही तरीके से हुआ होता तो यह एक रिकॉर्ड बन सकता था।
हादसे में मारे गए अधिकतर लोग 40 वर्ष से कम उम्र के थे, जिनमें 13 वर्षीय दिव्यांशी, 17 वर्षीय शिवलिंगा और 20 वर्ष के प्रज्वल, भूमिक और श्रवण शामिल हैं। अधिकांश पीड़ित अपने दोस्तों के साथ इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनने आए थे। स्टेडियम की क्षमता मात्र 35,000 है, लेकिन अधिकारियों का अनुमान है कि भीड़ लाखों तक पहुंच गई थी। भगदड़ गेट नंबर 2, 2A, 6, 7, 16, 17, 18 और 21 पर हुई। हादसे के बाद मौके पर जूते, मोबाइल फोन और बैग बिखरे मिले। आपातकालीन सेवाओं पर भी दबाव नजर आया। बुधवार दोपहर करीब 3:14 बजे RCB द्वारा अचानक मुफ्त पास की घोषणा के बाद भीड़ तेजी से स्टेडियम की ओर बढ़ी। स्पष्ट प्रवेश नियमों और टिकटिंग व्यवस्था की कमी के चलते हजारों लोग एकसाथ प्रवेश करने लगे। कई लोग बैरिकेड्स और गेट्स पर चढ़ गए, जबकि कई नीचे गिरकर कुचले गए।
इस बीच, शहर की बड़ी संख्या में पुलिस बल को विधान सौधा की सुरक्षा में लगाया गया था, जहां मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और राज्यपाल RCB टीम से मिलने वाले थे। वहां एक लाख से अधिक लोगों के जुटने की संभावना थी, जिससे स्टेडियम की ओर तैनाती कमजोर रह गई। RCB के ऐतिहासिक क्षण को मनाने की खुशी एक त्रासदी में बदल गई, जिससे राज्य की भीड़ प्रबंधन नीति और आयोजन संरचना पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।