केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में शतंरज ओलंपियाड की मशाल इसके 45वें संस्करण के आधिकारिक मेजबान हंगरी को सौंपी। भारत ने चेन्नई में 2022 में चेस ओलंपियाड की मेजबानी की थी और पहली बार इसकी मशाल देश के 75 शहरों में निकाली थी। इसी मशाल को खेल मंत्री ने शतरंज की शीर्ष वैश्विक संस्था फिडे के अध्यक्ष आर्केडी ड्वारकोविच और दुनिया की शीर्ष महिला ग्रैंड मास्टर रहीं जूडिथ पोल्गर को सौंपी। इस मौके पर पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद और भारतीय शतंरज महासंघ के अध्यक्ष संजय कपूर भी मौजूद रहे।
शतरंज खेल नहीं एक बौद्धिक विरासत
खेल मंत्री ने इस मौके पर विश्वनाथन आनंद के साथ मिलकर ड्वारकोविच और जूडिथ पोल्गर के खिलाफ दोस्ताना शतरंज की बाजी भी खेली। खेल मंत्री ने इस मौके पर कहा कि उन्हें खुशी है कि उन्होंने शतंरज ओलंपियाड की मशाल निकालने का जो फैसला लिया था, वह वास्तव में मशाल हैंडऑफ समारोह के साथ संपन्न हुआ। उन्होंने कहा कि शतरंज एक बौद्धिक विरासत है, जो संभवत: भारत ने दुनिया को प्रदान की है। यह खेल मात्र नहीं बल्कि रणनीतिक गहराई और दार्शनिक ज्ञान का प्रतिङ्क्षबब है।
बुडापेस्ट में होगा अगला शतरंज ओलंपियाड
चेन्नई में हुए 44वें शतरंज ओलंपियाड में ढाई हजार से अधिक खिलाड़ियों ने शिरकत की। अगला चेस ओलंपियाड फिडे की ओर से बुडापेस्ट (हंगरी) में कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून, 2022 को प्रथम शतरंज ओलंपियाड मशाल की शुरुआत की थी। भारतीय शतरंज महासंघ के अध्यक्ष संजय कपूर ने कहा कि शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी किसी सपने के सच होने जैसा है। मेजबान टीम के इस ओलंपियाड में प्रदर्शन ने भारतीय शतरंज में एक स्वर्णिम युग की शुरुआत की। इस ओलंपियाड में भारतीय महिला टीम ने कांस्य पदक समेत कुल नौ पदक जीते।