
Sirohi। जब दुनिया ग्लोबल वार्मिंग, जल संकट और वन्यजीवों के संकट को लेकर चिंतित है, तब सिरोही जिले के बावली गांव के युवाओं ने जो किया है, वो केवल एक पर्यावरणीय कार्य नहीं, बल्कि संवेदना, समर्पण और सतत सेवा का प्रतीक बन गया है।
इन कार्यों के नायक हैं – थानाराम देवासी बावली, जिनके नेतृत्व में थाना राम देवासी बावली, बावली युवा मंडल, एल राजेश ग्रुप और कोनजी धोलेरिया राजाजी तातोल जैसे समर्पित समूहों ने मिलकर प्रकृति और जीवों के संरक्षण के लिए एक अभूतपूर्व कार्य को अंजाम दिया है।
🌿 719 पेड़ों का संगठित रोपण – गांव की हर सांस अब ताजा
बावली के युवाओं ने स्कूल ग्राउंड, हॉस्पिटल परिसर, आंगनबाड़ी, तालाब किनारे, मंदिरों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर कुल 719 पेड़ लगाए। ये केवल पौधे नहीं हैं, ये भविष्य की छांव, हर सांस की शुद्धता और धरती का जीवन बनेंगे। इन पेड़ों की देखरेख के लिए समूहों ने स्वयं सिंचाई, खाद और सुरक्षा की जिम्मेदारी ली है।
💧 बोरवेल चालू 24×7 – गर्मी में भी हर पशु-पक्षी को पानी
गर्मियों में जब पशु-पक्षी पानी के लिए भटकते हैं, बावली में ऐसा नज़ारा अब नहीं दिखता। रतन जी वैष्णव और बावली पेशका गीमाराम असला जी प्रजापत ने मिलकर बावली तालाब में एक ऐसा बोरवेल स्थापित करवाया है जो 24 घंटे पानी देता है। यह सेवा खासतौर पर जानवरों के लिए है, जिनके लिए गर्मी में पानी जीवन रक्षक बनता है।
🛕 मंदिरों और कुटियों में भी सेवा – आस्था के साथ पर्यावरण संरक्षण
एल राजेश ग्रुप ने भी बेमिसाल योगदान दिया है। गुड़ा रानेश्वर महादेव मंदिर, नवारा अंबाजी मंदिर, और कालंद्री व डोडुआ के बीच स्थित बाईराम की कुटिया में बोरवेल की सुविधा शुरू करवाई गई है। श्रद्धालु, ग्रामीण और यहां तक कि जंगली जानवर भी यहां से पानी ले पा रहे हैं। यहां भी 24 घंटे पानी उपलब्ध है, जिससे यह सेवा हर समय सुचारु रूप से चल रही है।
🚿 पाइपलाइन और नाड़ी में पानी – जोड़ रोन तक राहत
मंडवाड़ा से सटे जोड़ रोन क्षेत्र में भी बेजुबानों की प्यास बुझाने के लिए पाइपलाइन बिछाई गई है, जिससे स्थानीय नाड़ी में पानी उपलब्ध हो गया है। यह छोटा सा कार्य नहीं, बल्कि गांव और प्रकृति के साथ एक जीवंत रिश्ता है, जो आज की भागदौड़ भरी दुनिया में विरल होता जा रहा है।
🐦 पक्षियों के लिए 400 परिंडे और दाना-पानी की चिरस्थायी व्यवस्था
जब घरों में लोग पंखों और एसी में चैन की नींद लेते हैं, तब आसमान में उड़ते पक्षी अक्सर बूंद भर पानी के लिए तरसते हैं। इस कमी को पूरा पूरे क्षेत्र में 400 परिंडे (मिट्टी के बर्तन) बांटे गए हैं, जिनमें रोज़ पानी और दाना डाला जाता है। यह कार्य भी एल राजेश ग्रुप द्वारा किया गया है, ताकि हर जीव को जीवन मिले।
🌾 पाडीव ईलराई नाड़ी में भी जलसेवा – दूरदर्शिता की मिसाल
पुखराज जी माली (सादड़ी) ने पाडीव ईलराई नाड़ी में गर्मियों के लिए बेजुबानों की खातिर जल व्यवस्था शुरू करवाई। दूर-दराज के जानवर, पक्षी और ग्रामीण यहां आकर पानी पीते हैं। यह पहल ना केवल संवेदनशीलता का प्रतीक है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव की शुरुआत भी है।
🙏 जनता द्वारा जनता के लिए – सेवा की अद्भुत मिसाल
इस अभियान की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह कोई सरकारी योजना नहीं थी। ना कोई अनुदान, ना कोई मंच, ना कोई शोहरत – फिर भी इतने बड़े स्तर पर एक समुदाय ने एकजुट होकर अपने गांव, पर्यावरण और जीवों की भलाई के लिए काम किया।
थानाराम देवासी बावली