
राजसमन्द (Rajsamand) आलोक स्कूल (Aalok school) के महाराणा प्रताप सभागार में पंच दिवसीय गणेश महोत्सव में प्रतिस्थापित भगवान गणेश की विशाल प्रतिमा का विविध रूपों में श्रृंगार कर भक्ति भाव से पूजा अर्चना की गई और ढोल नगाड़ों की गूंज व विधिवत पूजन करके गणेश प्रतिमा का विसर्जन किया गया । निदेशक डॉ प्रदीप कुमावत, प्रशासक मनोज कुमावत, प्राचार्य ललित गोस्वामी, सहायक प्रशासक ध्रुव कुमावत ने गणेश महोत्सव की शुभकामना दी ।
इस अवसर पर कक्षा 12 के विद्यार्थियों ने बड़े ही श्रद्धा भाव से भगवान गणेश जी की मूर्ति को प्रभु श्रीनाथ जी की झांकी स्वरूप श्रृंगारित किया । श्रीनाथजी के रूप में श्रंगार देखकर सभागार गणपत्ति बप्पा मोरिया व श्रीनाथ जी के जयकारों से गूंज उठा । इससे पहले दिन महोत्सव में भगवान श्री राम की झांकी में भगवान गणेश जी के दर्शन कराए गए । झांकी के साथ बच्चों ने विभिन्न प्रकार की प्रतिकृतियों से वन्य जीव संरक्षण का भी संदेश दिया । इस अवसर पर 56 भोग से सजे भगवान गणेश जी के दरबार मे सजी उनकी विशाल मूर्ति के समक्ष महाआरती कर वंदना की गई ।
प्राचार्य ललित गोस्वामी ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान गणेश अपने शरीर के सभी प्रतीकों से हमे जीवन प्रबंधन की शिक्षा देते है । प्रथम पूज्य देवता गणेश जी की सूंड – हमेशा सक्रिय रहना, उनका विशाल मस्तक – अपनी सोच को बड़ा रखना, उनकी छोटी आंखें – सुष्मता से परख करना, उनका टूटा दांत – चीजों का सदुपयोग करना, उनके लंबे व बड़े कान – सबकी जरुरी बातें सुनना, उनका विशाल पेट -सब बातें सहन करने की शक्ति रखना, आदि शिक्षा हम उनके शारीरिक प्रतीकों के माध्यम से ग्रहण करते है ।
रिपोर्ट -नरेंद्र सिंह खंगारोत