भीलवाड़ा। अहिल्याबाई होल्कर जयंती के त्रिशताब्दी वर्ष में प्रवेश के उपलक्ष्य में राष्ट्र सेविका समिति द्वारा भीलवाड़ा में अहिल्याबाई होल्कर सर्कल पर प्रातः 6 बजे अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख शरद रेणु दीदी, अखिल भारतीय निधि प्रमुख वंदना वजीरानी, प्रांत सह कार्यवाहिका रीना शुक्ला, प्रवेश शिक्षा वर्ग के वर्गाधिकारी सुशीला पारीक वर्ग और वर्ग कार्यवाहिका मनीषा जाजू और समस्त सेविकाओं द्वारा समिति के कर्तृत्व का आदर्श अहल्या बाई होलकर की प्रतिमा का माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
मंचासीन अधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलन के बाद गणवेश शाखा लगाई गई, जिसमें प्रवेश वर्ग की शिक्षार्थियों द्वारा प्रात्येक्षिक के तहत नियुद्ध और गण समता का प्रदर्शन किया गया। वंदना दीदी ने समिति के गणवेश के महत्व के बारे में बताया कि हमारा गणवेश सम्मान और स्वाभिमान का प्रतीक है। साथ ही गणवेश धारण करने के बाद क्या ध्यान रखना चाहिए, इस पर भी प्रकाश डाला।
शरद दीदी ने अपने बौद्धिक में अहल्या बाई होलकर के जीवन चरित्र का विस्तारित वर्णन करते हुए कहा कि वे जीवन की विकट और विपरीत परिस्थितियों में भी एक कुशल योद्धा, प्रशासक, राजनीतिज्ञ और राजमाता थी। प्रजा उन्हें प्रेम से मातोश्री पुकारती थी। अतः हमारे कर्तृत्व के आदर्श माता अहल्या के जीवन चरित्र का हम सभी को अध्ययन करना चाहिए और अपने जीवन में उतारने का प्रयास करते रहना चाहिए। अंत में शाखा विकिर के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
रिपोर्ट: पंकज पोरवाल, भीलवाड़ा