
राजसमंद (Rajsamand) जिले के समीपवर्ती गांव नोगामा में करीब सवा महीने से चल रहे लोक नृत्य गवरी आयोजन के गडावन वलावन पर्व श्रद्धा उत्साह और भक्तिमय माहौल के साथ संपन्न हुआ। लोक नृत्य गवरी के अंतिम दौर में 36 घंटे तक कलाकारों द्वारा दिन-रात लोक नृत्य का मंचन चला जिसको देखने के लिए आसपास के दर्जनों गांव के लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा गवरी के अंतिम दिन मां गौरजा की श्रृंगारित प्रतिमा के साथ कलाकार एवं ग्रामीण सज धज करके चारभुजा मंदिर पर एकत्रित हो गए। इसके बाद कलाकारों का मिलने का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ सवा महीने साथ रहने के बाद जब कलाकारों के अलग होने का समय आया तो एक दूसरे से मिलकर रोने लगे जिससे पूरा माहौल भावुक हो गया। फिर पेरावनी रस्म अदा की गई इसके बाद गौरज्या माता की श्रृंगारित प्रतिमा की विशेष पूजा अर्चना एवंआरती के बाद हाथी के रथ पर सवार होकर शोभा यात्रा प्रारंभ हुई। शोभा यात्रा में डीजे की धुन पर भक्तगण नाचते गाते एवं महिलाएं हाथ में ज्वारा लेकर नाचती हुई चल रही थी। शोभा यात्रा चारभुजा मंदिर प्रांगण से प्रारंभ होकर गुर्जर मोहल्ला गायरिया वास भगवा चौराहा कुमावत मोहल्ला नई आबादी ब्रह्मपुरी होते हुए। जोहिडा भेरू तालाब पहुंची जहां विधि विधान एवं परंपरा अनुसार विसर्जन किया गया शोभा यात्रा एवं विसर्जन के दौरान पूरे गांव का माहौल भक्ति में हो गया।
रिपोर्ट – नरेंद्र सिंह खंगारोत