
राजसमंद (Rajsamand) विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी (Deepti Kiran Maheshwari) ने कहा कि आपराधिक प्रकरणों के शीघ्र समाधान की दिशा में प्रारंभ की गई यह श्रृंखला 21वीं सदी का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक सुधार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की दूरदर्शी नेतृत्व क्षमता एवं स्पष्ट निर्णयशीलता के कारण आज भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली विश्व की सबसे आधुनिक, तकनीक-समर्थ और न्याय-केंद्रित प्रणाली के रूप में स्थापित हो रही है।
विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने कहा, “भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम—इन तीन नए आपराधिक विधानों ने समयबद्ध, पारदर्शी और सुगम न्याय सुनिश्चित करने की आधारशिला रखी है। अब प्रत्येक नागरिक को डिजिटल एफआईआर, चार्जशीट और साक्ष्य प्रबंधन जैसी आधुनिक प्रक्रियाओं के माध्यम से त्वरित और अधिकारपूर्ण न्याय मिलेगा। पहले जहां मुकदमों के निपटारे में वर्षों लगते थे, वहीं अब 2027 से प्रत्येक प्रकरण का निपटारा तीन वर्षों के भीतर सुप्रीम कोर्ट स्तर तक सुनिश्चित किया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि इन नए कानूनों से देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अब केवल दंड पर नहीं, बल्कि न्याय, सुधार, जवाबदेही और नागरिक अधिकारों की रक्षा पर केंद्रित हो गई है। डिजिटल एफआईआर, मॉब लिंचिंग, सामूहिक अपराध, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, तथा फॉरेंसिक साक्ष्य जैसी व्यवस्थाएँ नागरिकों के अधिकारों को सशक्त बना रही हैं और अपराध पीड़ितों को त्वरित राहत प्रदान कर रही हैं।
विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह के राष्ट्रहितकारी नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार न्याय, अर्थव्यवस्था और जनजीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सुधार और सुगमता के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “यह परिवर्तन हमारे लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों की विजय है, जो भारत को वैश्विक मंच पर नई पहचान और गौरव प्रदान करेगा।”
रिपोर्ट – नरेंद्र सिंह खंगारोत
