बाली नगर में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, श्री निंबेश्वर धाम में परमपिता परमात्मा शिव के जन्मदिवस पर 88 वीं त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्सव में वसुधैव कुटुंबकम की भावना को साकार करने सर्वधर्म स्नेह मिलन एवं ध्वजारोहण समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान भारी संख्या में नगर सहित विभिन्न गांवों के नागरिकों ने भाग लिया।
हमारा धर्म दूसरों की सहायता करना
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता बी के रामनाथ ने बताया कि हर मानव यदि आध्यात्मिक ज्ञान के तौर पर ये पहचान ले कि उसके शरीर के भीतर में जो आत्मा है वो कौन है। किसकी है। तब वो जानेगा कि मुझे संसार में कैसा चलना है। क्या करना है। फिर उन्होंने बताया कि जैसा बीज बोते है। वैसा ही फल लगता है।
यानि जैसा कर्म, वैसा फल यह निश्चित है। हिंदू धर्म से संत सुरेंद्रनाथ महाराज ने कहा कि परमात्मा एक है। हम उनकी संतान है। अच्छे कर्म करते जाओ। मुस्लिम धर्म से बाली मस्जिद के पेश ईमाम मौलाना निजाम खान अकबरी ने कौमी एकता की बात करते हुए कहा कि अल्लाह परमात्मा ने हमे इंसान बनाकर भेजा।
हमारा धर्म है दूसरों की सहायता करना, भूखे को भोजन कराना, दूसरों के दर्द को पहचानना ये हमारा धर्म है। ईसाई धर्म से सेंट पॉल से फादर एंथोनी डेविडसन ने कहा कि सर्व धर्म एक है। आज के बच्चों को संस्कार युक्त शिक्षा दें। और ये काम हम स्कूलों के माध्यम से दे रहे हैं।
ठाकुर विक्रमादित्य सिंह, मीर मोहम्मद यूसुफ ने भी सही राह पर चलने की सीख दी। विद्युत विभाग एक्सईएन निमेंद्रराज सिंह श्रीराम का सुंदर भजन गाया।
ध्वजारोहण के साथ कार्यक्रम का समापन
ब्रह्माकुमारी स्नेहा बहन ने बताया कि “सर्वधर्म समभाव व सदभाव” अर्थात् सभी धर्मों के प्रति समानता व सद्भावना को लेकर, इस वैश्विक एवं तकनीकी युग में सद्भाव और करुणा का वातावरण बनाए रखने और “वसुधैव कुटुंबकम” “विश्व एक परिवार है” के विचार को साकार करना हर मानव का कर्तव्य है।
बी के गोविंद भाई ने कृष्ण भजन गाया। बी के दिप्ती बहिन ने सभी का आभार व्यक्त किया। वही कार्यक्रम का समापन ध्वजारोहण के साथ किया गया।
इस मौके पर सनातन धर्म मंडल अध्यक्ष अजयपाल सिंह जोधा, वरिष्ठ नागरिक सेवा समिति के अध्यक्ष मोहम्मद अयूब खान जई, पूर्व पालिका अध्यक्ष लखमाराम चौधरी, एडवोकेट इंदरराज भंडारी, मूलसिंह राजपुरोहित, मौलाना मोहम्मद यूसुफ सिद्दीकी, सुलेमान टांक, कविता किरण, मिश्रीमल सोनी, सहित विभिन्न क्षेत्रों के प्रबुद्ध नागरिक, माताएं, बहिनें उपस्थित थे।