राजसमंद (Rajasamand) संस्कारों की जननी ही राष्ट्र की संरक्षिका इस संदेश के साथ देवगढ़ में सप्त शक्ति संगम मातृ सम्मेलन संपन्न हुआ। विद्या भारती राजस्थान के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में कुटुंब प्रबोधन, स्वदेशी जीवनशैली, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समरसता जैसे विषयों पर गहन मंथन हुआ। पंचायत समिति प्रधान कल्पना कंवर चुंडावत, मुख्य अतिथि भावना कुमारी, प्रेमलता और मुख्य वक्ता जिला संयोजिका भावना पालीवाल सहित कई शिक्षिकाएँ और समाजसेवी महिलाएँ कार्यक्रम में शामिल हुईं। मुख्य वक्ता पालीवाल ने अपने संबोधन में कहा— “नारी केवल परिवार की संरक्षक न बनकर राष्ट्र-चेतना की वाहक भी बने। मातृशक्ति के जागरण से बड़ा कोई राष्ट्रसंगम नहीं। जब मां राष्ट्रहित का संस्कार देती है, तभी समाज जागता है। उन्होंने महिलाओं को संकल्प दिलाया कि वे परिवार, समाज और प्रकृति—इन तीनों की संरक्षिका बनकर राष्ट्र निर्माण की धुरी बनें।
रिपोर्ट – नरेंद्र सिंह खंगारोत
