प्रतिष्ठा दीक्षा महोत्सव के पंचान्हिका महोत्सव का आगाज आज, होंगे कई धार्मिक अनुष्ठान

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बाड़मेर। खरतरगच्छ की राजधानी थार नगरी बाड़मेर की धन्यधरा पर श्री प्रतिष्ठा दीक्षा महोत्सव समिति के तत्वावधान में केयुप भवन प्रांगण में जिन मन्दिर व दादावाड़ी के अंजनशलाका प्राण प्रतिष्ठा व दीक्षा के पंचान्हिका महोत्सव के निमिते मंगलवार को स्थानीय कल्याणपुरा पाश्र्वनाथ जिनालय, महावीर चैक से परम पूज्य अवंति तीर्थोद्धारक खरतरगच्छाधिपति आचार्य जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. का, बहिन म.सा. डॉ.विद्युत्प्रभा जी म.सा. और साध्वी कल्पलता जी म.सा., श्रुतदर्शना जी म.सा., तत्वज्ञलता जी म.सा. आदि ठाणा पूज्य गुरुभगवंतो की धवल सेना के साथ बाड़मेर नगर में मंगल प्रवेश हुआ।

प्रतिष्ठा दीक्षा महोत्सव समिति के संयोजक जगदीशचन्द भंसाली व मुख्य लाभार्थी बाबुलाल छाजेड़ ने बताया कि धर्म नगरी बाड़मेर 12 फरवरी से 17 फरवरी तक जिनमन्दिर व दादावाड़ी की प्रतिष्ठा व पांच मुमुक्षुओं की दीक्षा में निश्रा प्रदान करने के लिए के लिए बाड़मेर नगर प्रवेश की शोभायात्रा कल्याणपुरा पाश्र्वनाथ मन्दिर महावीर चैक से प्रातः 10.15 बजे रवाना होकर माणक हॉस्पिटल, कल्याणपुरा, छोटी ढाणी, प्रतापजी की पोल, करमुजी की गली, महाबार रोड़ से होते हुए मोक्ष मार्ग स्थित जैन विधापीठ के पास पाण्डाल में पहुंची, जहां पर धर्मसभा का आयोजन हुआ।

खरतरगच्छाधिपति के नगर प्रवेश के जुलुस में पांचो मुमुक्षु परिवारों द्वारा व सैकड़ों गुरूभक्तों ने गुरूदेव को चावलों से बधाकर स्वागत किया गया और गुरूदेव के मांगलिक के बाद मुख्य अतिथि पूर्व विधायक मेवाराम जैन, कुशल वाटिका अध्यक्ष भंवरलाल छाजेड़, नाकोड़ा उपाध्यक्ष लूणकरण बोथरा, खरतरगच्छ चातुर्मास कमेटी अध्यक्ष अशोक धारीवाल, आदिनाथ ट्रस्ट अध्यक्ष बुधरचन्द भंसाली, केयुप राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश लूणिया सहित कई संघो के अध्यक्ष व अतिथियों द्वारा जैन ध्वज दिखाकर जुलुस को रवाना किया। जुलुस का संचालन मुकेश बोहरा अमन ने किया। जुलुस में सर्वप्रथम घोड़े, विभिन्न मण्डलों की महिलाएं व बालिका अपने अपने गणवेश में, सनावड़ा की गैर, बैण्ड, ढोल, खरतरगच्छाधिपति के पीछे पुरूष वर्ग, बैण्ड, साध्वीवृन्द के पीछे महिलाएं व रथ विशेष आकर्षण रहे।

जुलुस का जगह जगह तोरण द्वारा व चावलों की गुहली बनाकर बाड़मेर नगर वासी स्वागत करते नजर आये, जुलुस में युवा वर्ग उत्साह उल्लास से झुमते नजर आये और गुरूदेव को अपने कन्धों पर उठाकर स्वागत किया। गुरूदेव के नगर प्रवेश में बाड़मेर सकज जैन संमाज के बन्धुओं ने बिछाये पलक पावड़े। धर्मसभा में पहुंचते ही पूज्य खरतरगच्छाधिपति व दीक्षार्थीयों के संयम पथ के जयकारों के साथ वातावरण वैराग्यमय बना। तत्पश्चात पूज्य खरतरगच्छाधिपति मणिप्रभसूरीश्वरजी को गुरूवन्दन व उनके मुखारविंद से मंगलाचरण कर व दीप प्रज्जवलन के साथ कार्यक्रम को आगे बढाते हुए, ज्ञान वाटिका के बच्चों द्वारा नृत्य, केएमपी ने स्वागत गीत द्वारा आचार्य का प्रवेश पर स्वागत किया। पूज्य खरतरगच्छाधिपति जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा.ने सम्बोधित करते हुए कहा कि बाड़मेर नगर को 50 वर्ष पूर्व गुरू महाराज कांतिसागरसूरीश्वरजी द्वारा धर्म के बीज बोए गए थे, आज उसके परिणाम स्वरूप प्रथम बार बाड़मेर में पांच पांच मुमुक्षुओं की दीक्षाएं होने जा रही हैं।

उन्होने कहा कि बाड़मेर का भाग्य कर्म बडा उज्जवल है कि केयुप भवन परिसर में पुण्यशाली लाभार्थी जीवणमल, नेमीचन्द, बाबूलाल-सौ.शांतिदेवी, भरतकुमार छाजेड़ परिवार बाड़मेर द्वारा जिन मन्दिर व दादावाड़ी का निर्माण करवा कर लक्ष्मी का सदुपयोग का पुण्यर्जन किया। धर्मसभा में बहिन म.सा. डॉ. विधुत्प्रभाश्री ने कहा कि बाड़मेर से हमारे गुरू महाराज का पुराना जुड़ाव रहा है, आज इस धरती से एक साथ पांच दीक्षाएं होना गौरव की बात है। छाजेड़ परिवार ने भी हमारी प्रेरणा से अनेको लाभ लेकर जिनशासन की प्रभावना की है। इस कड़ी में साध्वी अर्हमनिधिजी म.सा., साध्वी सुज्ञप्रभा श्रीजी म.सा., ने भी अपने विचारों से धर्मसभा को सम्बोधित किया। सूरत से पधारे गुरूभक्त नरपत मण्डोवरा ने भक्ति से गुरूदेव का स्वागत किया। सार्वमांगलिक के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम के समापन पर श्रीफल की प्रभावना समिति द्वारा दी गई और सकल जैन समाज का संघ स्वामीवात्साल्य का आयोजन हुआ।

आज होगा प्रतिष्ठा दीक्षा महोत्सव के पंचान्हिका महोत्सव का आगाज

प्रतिष्ठा दीक्षा महोत्सव समिति के सहसंयोजक सम्पतराज धारीवाल व सहसंयोजक मदनलाल मालू कानासर ने बताया कि आज बुधवार को पंचान्हिका महोत्सव का आगाज गुरूदेवश्री के हाथो से होगा। आज पंचान्हिका महोत्सव के प्रथम दिवस बुधवार को प्रातः 08.00 बजे राजगृही नगर, कुशल कान्ति नगर, प्रमोद रतन नगर का उद्घाटन, वेदिका पूजन, परमात्मा का वेदिका स्थापन, कुंभ स्थापना, दीप स्थापना, जवारारोपण, भैरव पूजन, क्षेत्रपाल पूजन, 16 विद्यादेवी पूजन, 64 योगिनी पूजन, नंद्यावर्त पूजन, दशदिक्पाल पूजन, नवग्रह पूजन, अष्टमंगल पूजन, लघुसिद्धचक्र पूजन, लघु वीशस्थानक पूजन, दोपहर 02.00 बजे श्री पार्थनाथ पंचकल्याणक पूजा, दोपहर 04.00 बजे परमात्मा का च्यवन कल्याणक विधान, माता पिता, इन्द्र-इन्द्राणी स्थापना, रात्रि में 08.00 बजे च्यवन कल्याणक महोत्सव, चैदह स्वप्न दर्शन, स्वप्न फल कथन, भक्ति भावना सहित कई धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होगा।

रिपोर्ट – ठाकराराम मेघवाल

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