
पिंडवाड़ा (Pindwada) माधव विश्वविद्यालय व कासिंद्रा गांव में तीन दिवसीय भव्य मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आज विधिवत समापन हुआ। यह महोत्सव 22 सितम्बर से विश्वविद्यालय परिसर और कासिन्द्रा स्थित मंदिरों में आयोजित किया गया था। आयोजन का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण क्षण बुधवार प्रातः आया, जब वैदिक मंत्रोच्चार और पूर्ण धार्मिक विधि-विधान के बीच देवी-देवताओं की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न की गई। कासिन्द्रा स्थित मंदिर में माँ नवदुर्गा तथा विश्वविद्यालय परिसर स्थित मंदिर में माँ आशापुरा, माँ सिकोतर और श्री गोगाजी महाराज सहित अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाओं की विधिवत पूजा-अर्चना हुई। इस पावन अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु, साधु-संत, महंत और सन्यासीजन उपस्थित रहे। संत समाज की उपस्थिति ने पूरे वातावरण को भक्ति, आस्था और आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया और सभी उपस्थित लोगों को आध्यात्मिक सुख का अनुभव कराया। महोत्सव के तीनों दिनों में प्रतिदिन वैदिक अनुष्ठान आयोजित किए गए। इन अनुष्ठानों में मंत्रोच्चार, हवन, विशेष आरती और धार्मिक विधि-विधान शामिल थे। प्रत्येक अनुष्ठान भक्तिभाव और आस्था से सम्पन्न हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ भाग लिया। आयोजन का हर दिन श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक अनुभव से भरा रहा और इसने उन्हें धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। समापन दिवस पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित विशाल महाप्रसादी में शामिल हुए। इस अवसर पर उपस्थित साधु-संतों और महंतों ने भक्तजनों को आशीर्वचन दिए और जीवन में धर्म, भक्ति और संयम का पालन करने का मार्गदर्शन किया। महाप्रसादी का आयोजन अत्यंत भव्य रूप में किया गया, जिसमें सभी उपस्थित लोगों ने श्रद्धा भाव से भोजन ग्रहण किया और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किया। माधव विश्वविद्यालय परिवार ने इस सफल और भव्य आयोजन में सहयोग करने वाले सभी श्रद्धालुओं, संत-महात्माओं और धर्मप्रेमियों का हृदय से आभार व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने यह संदेश भी दिया कि ऐसे धार्मिक उत्सव समाज में आस्था, एकता और अध्यात्मिक चेतना को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस महोत्सव ने यह स्पष्ट कर दिया कि माधव विश्वविद्यालय न केवल शिक्षा का केंद्र है, बल्कि यह समाज में धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों को भी सक्रिय रूप से बढ़ावा देता है। यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों के लिए भक्ति, धर्म और आध्यात्मिक चेतना के क्षेत्र में प्रेरक उदाहरण साबित होगा।