
जैसलमेर (Jaisalmer) द्वारा परंपरागत आस्था, पर्यावरणीय संतुलन एवं सामुदायिक हितों से जुड़ी ओरण भूमि के संरक्षण एवं अभिलेखीय अंकन के उद्देश्य से निरंतर ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में उपखंड अधिकारी, जैसलमेर सक्षम गोयल ने वीर आलाजी मंदिर के पास मौके पर स्थित ओरण भूमि ग्राम कुछड़ी, दिलबर का गाँव एवं श्री सावंगियाँय माता मंदिर ग्राम पूनमनगर में ओरण भूमि का मौका निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान तहसीलदार रामगढ़, तहसीलदार फतेहगढ़, तहसीलदार जैसलमेर, गिरदावर एवं संबंधित पटवारी सहित राजस्व विभाग की टीम उपस्थित रही। अधिकारियों ने मौके पर भूमि की सीमाओं, उपयोग एवं वर्तमान अभिलेखीय स्थिति का विस्तार से अवलोकन किया। उपखंड अधिकारी गोयल ने निर्देश दिए कि मौके पर स्थित ओरण भूमि को राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराने के लिए शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर प्रेषित किया जाए, ताकि इन भूमि संपदाओं का स्थायी संरक्षण सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि ओरण भूमि केवल धार्मिक एवं पारंपरिक आस्था का प्रतीक ही नहीं, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन और ग्राम्य सामुदायिक हितों का भी आधार हैं, इसलिए इनका संरक्षण अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा सभी राजस्व ग्रामों में ओरण भूमि की पहचान, सीमांकन एवं अभिलेखीय प्रविष्टि की कार्यवाही को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है, ताकि इन पर किसी प्रकार का अवैध अतिक्रमण न हो एवं भावी पीढ़ियों के लिए इनका संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।
रिपोर्ट- कपिल डांगरा