
जैसलमेर (Jaisalmer) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खुईयाला मंडल की ओर से विजयादशमी उत्सव एवं पथ संचलन का आयोजन अनुशासन, उत्साह और राष्ट्रभक्ति की भावना के साथ संपन्न हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बाड़मेर विभाग के विभाग प्रचारक जगदीश ने मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित किया। उन्होंने संघ की सौ वर्ष की गौरवशाली यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा स्थापित यह संगठन आज राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने कहा कि संघ का मूल उद्देश्य हिंदू समाज का संगठन कर राष्ट्र का पुनर्निर्माण करना है। संघ ने समाज में व्याप्त जाति, भाषा और प्रांतीय भेदभाव को समाप्त कर सामाजिक समरसता की भावना को सशक्त किया है। उन्होंने बताया कि संघ के कार्यकर्ता सेवा, संगठन और संस्कारों के माध्यम से एकात्म मानव दर्शन के आधार पर समाज को जोड़ने का कार्य कर रहे हैं।
अपने उद्बोधन में जगदीश ने संघ के वर्तमान पंच परिवर्तन कृ स्वदेशी, समरसता, पर्यावरण, कुटुंब प्रबोधन और नागरिक शिष्टाचार कृ पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ये पांच परिवर्तन समाज में स्वावलंबन, संतुलन और शिष्टता लाने के प्रयास हैं। स्वदेशी से आर्थिक आत्मनिर्भरता, समरसता से सामाजिक एकता, पर्यावरण से प्रकृति संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन से पारिवारिक सौहार्द और नागरिक शिष्टाचार से जिम्मेदार नागरिकता का निर्माण होता है।
कार्यक्रम में महादेव मंदिर के संत निजानंद महाराज तथा संघ के रामगढ़ खंड संघचालक जुगतसिंह की विशेष उपस्थिति रही। मुख्य वक्ता ने अंत में कहा किसंघ के स्वयंसेवक समाज में सेवा, शुचिता और राष्ट्रनिष्ठा के आदर्श प्रस्तुत कर रहे हैं।
ग्राम में पहली बार आयोजित इस पथ संचलन को लेकर ग्रामवासियों में विशेष उत्साह देखने को मिला। सभी मार्गों पर पुष्पवर्षा, रंगोली और तोरण द्वार से स्वयंसेवकों का स्वागत किया गया। बाल, तरुण और वरिष्ठ स्वयंसेवक एकसाथ कदमताल करते हुए जब संचलन मार्ग पर निकले तो पूरा ग्राम राष्ट्रभाव, अनुशासन और एकता से ओतप्रोत हो उठा। उत्सव ने ग्राम में राष्ट्रभाव, संगठन, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक चेतना का सशक्त संदेश दिया।
रिपोर्ट – कपिल डांगरा
