Jaisalmer। हवाई सेवा शुरू होते ही विदेशी सैलानियों से जैसलमेर गुलजार हो रहा है। स्वर्ण नगरी में इन दिनों फ्रांस के सैलानियों की आवक ज्यादा हो रही है, हालांकि देशी सैलानियों में तमिलनाडु के चेन्नई के स्टूडेंट, गुजरात के परिवार, महाराष्ट्र के स्कूल ग्रुप भी आ रहे है। मानसून सीजन में जोरदार बारिस आने से और प्रधानमंत्री द्वारा एक पौधा माँ के नाम अभियान शुरू करने से इन दिनों मौसम सुहावना हो रहा है। सीजन शुरू होते ही जैसलमेर में सैलानियों की संख्या बढ़ने लगी है। हर ओर टूरिस्ट ही नजर आ रहे हैं।
टूरिज्म से जुड़े कारोबारियों के चेहरे खिल उठे हैं। सैलानी गड़ीसर सरोवर में बोटिंग का लुत्फ़ लेते हुए यादगार फोटोग्राफी कर रहे है। सोनार दुर्ग में राज महल, जैन मंदिर एवं सिटी साइट पॉइंट का भ्रमण कर हैंडी क्राफ्ट सामग्री की खरीदी कर रहे है। इस दौरान ज्यादातर सैलानी जैसलमेर के आराध्य देव श्री लक्ष्मीनाथ भगवान के दर्शन कर अमृत तुल्य चरणामृत एवं पेड़े का प्रसाद ले रहे है। फ्रांस के सेलानी दुर्ग के दशहरा चौक में स्थित राजमहल के अग्र भाग में पीले पथर पर की गई बारीक नक्काशी को देख अत्यंत प्रसन्न हो रहे है।
जैसलमेर के पर्यटन स्थलों पर इन दिनों सैलानियों की भीड़ है। सबसे ज्यादा फ्रांस के विदेशी टूरिस्ट आ रहे हैं। सोनार किला, गडीसर सरोवर, पटवा हवेली आदि स्थानों पर अच्छी-खासी भीड़ देखी जा रही है। पिछले रविवार को पहियों पर महल पैलेस ऑन व्हील में भी 91 सेलानी आकर गये है। फ्रांस के सेलानियों ने शहर की दीवान सालमसिंह हवेली, दीवान नथमल हवेली और पटवा हवेली का भ्रमण किया। हवेलियों के अग्र भाग में पीत पाषान पर महीन चित्रकारी से ऊकेरे हुए मोर, चिड़िया, कबूतर सहित अनेक चित्र देख सेलानी अभिभूत हो गए।
सैलानियों के आने से जैसलमेर गुलजार हो गया है। विदेशी और देशी सेलानी जैसलमेर को विश्व पर्यटन मानचित्र का नंबर वन टूरिस्ट प्लेस मानते हैं। ऐतिहासिक शहर के पीले पत्थर और उनसे बनी हवेलिया और किले सबको अपनी ओर खींचते हैं। सैलानियों ने बताया कि जैसलमेर जैसी शांत और प्यारी जगह कहीं नहीं देखी। सोने जैसी पीली नगरी और इसकी रेत हमें यहां खींच लाई है। सैलानियों ने सम के रेत के टीलों पर कैमल राइडिंग का लुत्फ़ उठाया। साथ ही नवरात्र पर्व पर देशी सेलानियों ने भारत-पाकिस्तान बॉर्डर स्थित तनोट माता मंदिर के दर्शन किये।
रिपोर्ट – कपिल डांगरा