तिरुपति (Tirupati) लड्डू में पशु चर्बी की कथित मिलावट के मामले में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार (4 अक्टूबर, 2024) को सुनवाई हुई। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति प्रसाद मामले की स्वतंत्र जांच के लिए नई SIT (विशेष जांच टीम) का गठन किया है। कोर्ट ने राज्य की SIT को खत्म कर दिया है। मामले की जांच करने वाली नई SIT टीम में कुल 5 लोग होंगे। इसमें CBI के दो अधिकारी, दो लोग राज्य पुलिस से और एक अधिकारी FSSAI का होगा।
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— Bar and Bench (@barandbench) October 4, 2024
जस्टिस बीआर गवई ने देवता में आस्था रखने वाले करोड़ों लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह आदेश दिया है। SIT जांच की निगरानी CBI डायरेक्टर करेंगे। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हम कोर्ट को राजनीतिक लड़ाई के प्लेटफार्म में तब्दील होने की इजाजत नहीं दे सकते।
कोर्ट ने कहा कि तिरुपति बालाजी प्रसाद बनाने में उपयोग होने वाले घी में मिलावट के आरोपों की जांच राज्य सरकार की SIT नहीं करेगी और नई SIT का गठन किया गया है। बता दे कि इस मामले की जांच पहले आंध्र प्रदेश सरकार के अफसर कर रहे थे। तिरुपति लड्डू प्रसाद विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिका दायर की गई थीं।
दरअसल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था कि जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के दौरान तिरुपति में लड्डू तैयार करने में जानवरों की चर्बी का प्रयोग किया गया था। नायडू के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में हंगामा मच गया। तिरुपति प्रसाद का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट में तीन से अधिक याचिकाएं दाखिल की गईं।
याचिका दाखिल करने वालों में राज्यसभा सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी, सुब्रमण्यम स्वामी और इतिहासकार विक्रम संपत शामिल हैं। इस मामले में 30 सितंबर को सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में कम से कम भगवान को राजनीति से दूर रखें।