
Jaisalmer। भारतीय सेना के चौथी पीढ़ी के सेवारत अधिकारी, आयरनमैन कर्नल जंगवीर लांबा ने ताइवान के पेन्घु में आयोजित आयरनमैन 140.6 ट्रायथलॉन को सफलतापूर्वक पूर्ण किया।
जन संपर्क अधिकारी (रक्षा) कर्नल अमिताभ शर्मा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 53 वर्षीय कर्नल लांबा ने 50–54 आयु वर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हुए 14 घंटे 53 मिनट 34 सेकंड में 3.8 किमी तैराकी, 180 किमी साइक्लिंग और 42.2 किमी मैराथन दौड़ पूरी की। यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि जब साहस, संकल्प और इच्छाशक्ति मजबूत हो, तो उम्र कोई बाधा नहीं बनती। यह प्रतियोगिता एथलीटों की शारीरिक सहनशक्ति, अनुशासन और मानसिक दृढ़ता का कठोर परीक्षण होती है।
कर्नल जंगवीर लांबा एक आयरनमैन ट्रायथलीट हैं — यह एक प्रतिष्ठित खिताब है, जो दुनिया की सबसे कठिन सहनशक्ति प्रतियोगिताओं में सफल भागीदारी को दर्शाता है। उनकी एंड्योरेंस स्पोर्ट्स यात्रा में कई उल्लेखनीय ट्रायथलॉन शामिल हैं: नवंबर 2022 में आयरनमैन 70.3 गोवा, जून 2023 में एशिया पैसिफिक चैंपियनशिप (केर्न्स, ऑस्ट्रेलिया), और अक्टूबर 2023 में आयरनमैन मलेशिया (लंगकावी), जिसमें उन्होंने 3.8 किमी तैराकी, 180 किमी साइक्लिंग और 42.2 किमी मैराथन 16 घंटे 41 मिनट में पूर्ण की।
इसके अतिरिक्त, कर्नल लांबा ने अप्रैल 2024 में मोरक्को में आयोजित 38वीं लीजेंडरी मैराथन डेस सैबल्स में भी भाग लिया और उसे सफलतापूर्वक पूर्ण किया। यह दौड़ मोरक्को के सहारा रेगिस्तान में आयोजित होती है और 253.5 किमी की बहु-चरणीय अत्यंत कठिन पैदल दौड़ मानी जाती है, जिसे अक्सर पृथ्वी की सबसे कठिन दौड़ कहा जाता है।
जयपुर से ताल्लुक रखने वाले कर्नल जंगवीर लांबा न केवल एक अनुभवी आयरनमैन हैं, बल्कि मैराथन डेस सैबल्स जैसे महा-अभियानों को भी सफलतापूर्वक पार कर चुके हैं। उनकी यात्रा इस सच्चाई को दर्शाती है कि सफलता की राह में सीमाएं और बाधाएं केवल हमारे मन में होती हैं।
रिपोर्ट – कपिल डांगरा