
जैसलमेर (Jaisalmer) पाक बॉर्डर पर जैसलमेर के रेगिस्तानी इलाके में 12 दिन चलने वाले ऑपरेशन त्रिशूल के समापन दिवस बुधवार को दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसरकमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने प्रेस के सामने घोषणा करी कि ‘अखंड प्रहार’ युद्धाभ्यास के दौरान सेना की नई ब्रिगेड रुद्र ब्रिगेड सभी मानकों पर खरी उतरी है उन्होंने कहा कि अभ्यास में ब्रिगेड की परिचालन क्षमताओं का सत्यापन किया गया और इसने पूरी तत्परता से इसे साबित किया।अब यह ब्रिगेड भविष्य के संयुक्त अभियानों में अपनी भूमिका के लिए पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने कहा कि रुद्र ब्रिगेड के गठन के साथ ही अब ‘कोल्ड स्ट्राइक सिद्धांत’ को अपनाने का समय आ गया है। पहले ‘कोल्ड स्टार्ट’ सिद्धांत चलता था, जिसमें सेना पहले लामबंद होती थी और फिर ऑपरेशनल क्षेत्र में तैयारी करती थी, लेकिन ‘कोल्ड स्ट्राइक’ सिद्धांत में सेना हमेशा ऑपरेशन के लिए तैयार रहती है। इसमें रुद्र ब्रिगेड की भूमिका बेहद अहम है। यह भारतीय सेना की एक बहु-आयामी युद्ध इकाई है, जिसकी स्थापना 2023 में की गई थी। यह पारंपरिक ब्रिगेडों से अलग थल, वायु और साइबर क्षमताओं का समन्वय करने वाली एकीकृत बिग्रेड है। इसका उद्देश्य तकनीक-आधारित और निर्णायक युद्ध में सेना की तत्परता को बढ़ाना है।बुधवार को पाक बॉर्डर पर जैसलमेर के रेगिस्तानी इलाके में सेना ने ‘अखण्ड प्रहार’ हाइब्रिड युद्ध की चुनौतियों का सामना करने की तैयारी में एम्फीबियस ऑपरेशंस, हाईवे लैंडिंग और ड्रोन हमले प्रदर्शित किये। जिससे सेना का शौर्य उजागर हुआ
रिपोर्ट – कपिल डांगरा
