
रानीवाड़ा (Raniwada) भारतीय किसान संघ, राजस्थान प्रदेश द्वारा कृषि संबंधी गंभीर समस्याओं को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने नाम एक विस्तृत 6 सूत्रीय मांग-पत्र सौंपा गया। यह मांग-पत्र रानीवाड़ा के उपखण्ड अधिकारी के माध्यम से भेजा गया, जिसमें किसानों ने नहर, बिजली, फसल बीमा और कृषि ऋण से जुड़ी समस्याओं के त्वरित समाधान की मांग की है। किसानों का कहना है कि समय पर सिंचाई, निर्बाध बिजली आपूर्ति और फसल क्षति का सही मुआवजा अब जीवन-मरण जैसा मुद्दा बन गया है।नर्मदा नहर से सिंचाई की मांगसंगठन ने कहा कि रानीवाड़ा तहसील में नर्मदा नहर से सिंचाई का पानी उपलब्ध कराया जाए, क्योंकि अभी किसान केवल वर्षा आधारित खेती पर निर्भर हैं। नहर आने से हजारों किसानों को स्थायी राहत मिल सकेगी और क्षेत्र की कृषि व्यवस्था मजबूत होगी।बिजली कटौती पर बड़ा सवालकिसानों ने आरोप लगाया कि इस बार खरीफ सीजन के दौरान दिन में बिजली देने का वादा किया गया था, लेकिन व्यवस्था बेहद अव्यवस्थित रही।33/11 केवी GSS पर बार-बार फॉल्ट होने व ओवरलोडिंग के कारण किसानों को अनियमित बिजली मिली। किसानों ने मांग की। खेतों की सिंचाई के लिए दिन में तय समय पर ही बिजली दी जाए। बिजली बंद होने पर फॉल्ट तुरन्त ठीक हों और ट्रांसफार्मर 72 घंटे की बजाय 10 घंटे में बदले जाएं। सभी GSS पर दिन में निर्बाध बिजली सुनिश्चित की जाए। वही धरना स्थल पर शुक्रवार पर विधुत विभाग के XEN भरत देवड़ा ने मौके पर पहुचकर किसानों से समझाइश की।फसल बीमा व नुकसान का मुद्दा सबसे गंभीरमांग-पत्र में बताया गया कि इस खरीफ सीजन में कई किसानों की फसलें सूखे, खराब मौसम और पाला गिरने से बर्बाद हुईं, लेकिन बीमा कंपनियों ने अब तक सही सर्वे नहीं किया। किसानों ने कहा कि फसल बीमा सर्वे पारदर्शी तरीके से कराया जाए। जिन किसानों का नुकसान हुआ है उन्हें तुरंत क्लेम राशि दिलाई जाए। बर्बाद फसलों का पुन: सर्वे कराया जाए ताकि किसानों को वास्तविक मुआवजा मिल सके। KCC लोन व किश्तों की समस्याकिसानों ने बताया कि कई किसान KCC का लोन समय पर नहीं चुका पाए हैं। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण बैंक किश्तों के लिए दबाव बना रहे हैं। किसानों ने इसे रोकने और लोन की किश्तों को स्थगित करने की मांग उठाई।किसान संघ की चेतावनीभारतीय किसान संघ ने कहा कि अगर समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई नहीं हुई तो किसानों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। संगठन ने सरकार से तत्काल राहत योजना लागू करने और विभागीय स्तर पर गंभीरता से कार्रवाई करने की मांग की है।किसानों की यह पहल क्षेत्र के कृषि संकट और सरकारी व्यवस्थाओं की खामियों को स्पष्ट रूप से सामने लाती है। अब देखना यह है कि सरकार इन मांगों पर कितनी जल्दी और प्रभावी कदम उठाती है।
रिपोर्ट – मुकेश लाखारा
