Jaisalmer में तालाब की खुदाई के दौरान वैज्ञानिक बोले Dinosaur के जीवाश्म जैसे अवशेष मिले

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Jaisalmer में तालाब की खुदाई के दौरान वैज्ञानिक बोले Dinosaur के जीवाश्म जैसे अवशेष मिले 3

जिले के मेघा गांव में तालाब की खुदाई के दौरान बड़ी हड्डी के आकार का एक ढांचा और जीवाश्म जैसे कुछ अवशेष मिले हैं। इससे इस जगह के प्रागैतिहासिक डायनासोर (Dinosaur) युग से जुड़े होने की संभावना बढ़ गई है। फतेहगढ़ उपखंड के मेघा गांव में एक तालाब की खुदाई करते समय लोगों को पत्थर की ये विशिष्ट संरचनाएं, बड़े कंकाल जैसा एक ढांचा मिला। इनमें से कुछ टुकड़े जीवाश्म लकड़ी जैसे हैं तो बाकी हड्डियों जैसे दिखते हैं।

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अभी जो सतह के बाहर दिख रहा है, वो जुरासिक काल के डायनासोर की रीढ़ की हड्डी हो सकती है। बाकी का पार्ट जमीन में 15 से 20 फीट नीचे है। जैसलमेर के भूजल वैज्ञानिक नारायणदास इणखिया ने बताया कि
ये जैसलमेर के इतिहास में अब तक सबसे बड़ा कंकाल मिला है। जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, हजारों साल पहले जैसलमेर समुद्र का किनारा रहा था, जहां डायनासोर खाने की तलाश में आते थे। ऐसे में यहां इनके जीवाश्म मिल रहे हैं। अब जियोलॉजिकल सर्वे की टीम जांच करेगी। जीवाश्म कितना पुराना है? किस जानवर का है? ऐसे सवालों के जवाब तभी मिल पाएंगे। इणखिया ने बताया- 3 दिन पहले 19 अगस्त को ग्रामीणों को जीवाश्म मिले तो वे चौंक गए। इसके बाद 20 अगस्त को फतेहगढ़ प्रशासन को इसकी जानकारी जैसलमेर कलेक्टर प्रतापसिंह को दी। जैसलमेर प्रशासन ने इसकी सूचना हमें दी। गुरुवार को हम फतेहगढ़ उपखंड क्षेत्र के मेघा गांव पहुंचे। डॉ. इणखिया ने बताया- प्राथमिक जांच करने पर यह जुरासिक काल का होने का अंदाजा लगा है। यानी ये डायनासोर या उसके किसी समकक्ष जीव की हड्डियों का कंकाल हो सकता है। अगर यह किसी अन्य जानवर की हड्डियां होती तो इसे अन्य मांसाहारी जानवर खा सकते थे।

ये कंकाल सुरक्षित है तो ये जीवाश्म बनने की प्रक्रिया में है और जम गया है। ऐसे में यह हजारों साल पुराना होने का अंदाजा है। इसके संरक्षण और शोध की आवश्यकता है। प्रशासन के माध्यम से जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को लिखा जाएगा। इसके साथ ही शोध करने वालों को भी आमंत्रित किया जाएगा ताकि वे इसकी जांच कर हकीकत बता सकें। डॉ. इणखिया ने बताया- जीवाश्म मिलना तो आम है। इसके साथ स्केलेटन मिलने से यह माना जा रहा है कि यह लाखों-करोड़ों साल पुराने अवशेष हो सकते हैं। ये किसी उड़ने वाले डायनासोर का हो सकता है, जिसकी लम्बाई करीब 20 फीट या उससे भी ज्यादा हो।

रिपोर्ट कपिल डांगरा

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