Bhilwara : जिंदल सॉ की अवैध ब्लास्टिंग पर जालिया के किसानों में आक्रोश, जयपुर में आत्मदाह की चेतावनी

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Bhilwara

*भीलवाडा (Bhilwara)* जिले के बनेड़ा तहसील के जालिया गांव के किसानों का जिंदल सॉ लिमिटेड कंपनी के खिलाफ-धरना आज 160वें दिन में प्रवेश कर गया। किसानों ने गुरुवार को जिला कलेक्टर को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा, जिसमें कंपनी द्वारा लापिया पॉइंट पर हो रही अवैध ब्लास्टिंग और खनन कार्य तत्काल बंद कराने, गाव कि चरागाह गाव में देने कि पालन सुनिश्चित करने और अन्य मांगों का शीघ्र समाधान करने की अपील की गई है। ज्ञापन में यदि मांगें पूरी न हुईं तो जयपुर विधानसभा के बाहर सामूहिक आत्मदाह करने की चेतावनी भी दी गई है। किसानों का आरोप है कि जिंदल कंपनी की अवैध गतिविधियों से उनके चरागाह भूमि को भारी नुकसान हो रहा है, जिससे पशुपालन और खेती-बाड़ी पूरी तरह ठप हो चुकी है। ब्लास्टिंग के झटकों से ग्रामीणों के घरों, मंदिरों और अन्य इमारतों में दरारें आ रही हैं, जो जानलेवा खतरा बन गया है। धरने पर बैठे किसान नेता कन्हैया लाल माली ने बताया, “यह हमारी जमीन और आजीविका का सवाल है। हम पीछे नहीं हटेंगे। प्रशासन की उदासीनता से हम चरम कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं। जालिया के किसानों ने पहले भी 205 दिनों तक धरना दिया था, जिसमें एडीएम ओपी मेहरा, एएसपी पारस जैन, एसडीएम बनेड़ा समेत प्रशासनिक अधिकारियों की मध्यस्थता से जिंदल कंपनी ने लिखित सहमति दी थी। प्रशासन ने सात दिनों में शर्तें लागू करने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। परिणामस्वरूप, किसान दोबारा सड़क पर उतर आए। 9 दिसंबर 2025 (मंगलवार) को किसानों ने शाहपुरा विधायक लाला राम बैरवा को मुख्यमंत्री के नाम चेतावनी भरा ज्ञापन सौंपा था, जिसमें अवैध ब्लास्टिंग बंद न होने पर जयपुर में आत्मदाह की चेतावनी दी गई है। इसके जवाब में 10 दिसम्बर (बुधवार) को बनेड़ा एसडीएम ने किसानों को बुलाकर कंपनी के हित में जबरन समझौता करने का दबाव बनाया, लेकिन किसानों ने इसे सिरे से ठुकरा दिया। ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी और ठेकेदारों की ओर से धरना स्थल पर जानलेवा धमकियां दी जा रही हैं, जबकि प्रशासन मौन बना हुआ है। एसडीएम ने मंगलवार को ही बातचीत का प्रयास किया था, लेकिन असफल रहने से तनाव और बढ़ गया। किसान संगठनों ने राज्य सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि यह लंबा आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से सुलझ सके। विशेषज्ञों का मत है कि यदि समय रहते समाधान न हुआ, तो यह आंदोलन पूरे जिले में फैल सकता है। ज्ञापन में किसानों द्वारा मांगी गई मांगो में जिंदल कंपनी की अवैध ब्लास्टिंग और खनन कार्य तत्काल बंद कराया जाए, पूर्व सहमति की शर्तों का सख्ती से पालन हो और क्षतिग्रस्त चरागाह भूमि का पुनर्स्थापन किया जाए। कंपनी और ठेकेदारों की धमकियों देने वालो दोषियों पर मुगदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई हो। किसानों को उचित मुआवजा और सुरक्षा प्रदान की जाए। गाव कि चरागाह गाव में दी जाए शामिल है। ज्ञापन में कहा गया है, “हमारा संघर्ष शांतिपूर्ण है, लेकिन प्रशासन की अनदेखी से हम विवश हैं। यदि मांगें पूरी न हुईं, तो हम जयपुर जाकर अपना बलिदान देंगे।” ज्ञापन पर किसान प्रतिनिधि कन्हैया लाल माली, भंवर रेबारी हीरा लाल धना रेबारी बन्ना मदन शिवराज रतन राजकुमार गोयल समेत सेकड़ो अन्य किसान प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर हैं। किसानों ने ज्ञापन की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री, पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा, एसडीएम बनेड़ा को भेजी है। स्थानीय स्तर पर तनाव बरकरार है, और किसान संगठन आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दे रहे हैं। यह घटना राजस्थान में औद्योगिक गतिविधियों से प्रभावित किसानों की बढ़ती निराशा को उजागर करती है। यदि शीघ्र हल न निकला, तो यह मामला राज्य स्तर पर गरमाया जा सकता है। कलेक्टर जसमीत सिद्धू ने शाम को फिर धरना से प्रतिनिधि मंडल को बुलाकर सभी को विस्तार से सुना और जल्द ही हाइलेवल मीटिंग करवा कर मामला शांत करने का आश्वासन दिया।

रिपोर्ट – पंकज पोरवाल

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