बाड़मेर (Barmer) महिला अधिकारिता विभाग के तत्वावधान में मंगलवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय परआदर्श स्टेडियम में अमृता हाट बाजार का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस दौरान चौहटन विधायक आदूराम मेघवाल ने कहा किअमृता हाट बाजार का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की महिला स्वयं सहायता समूहों को उनके हस्तनिर्मित उत्पादों के लिए एक मजबूत मंच प्रदान करना है, जिससे वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। अमृता हाट जैसे आयोजन न केवल ग्रामीण महिलाओं को उनके उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराते हैं, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और स्वावलंबन की भावना भी प्रदान करते हैं। उन्होंने आमजन से अपील की हैं कि वे यहां आएं, इन उत्पादों को खरीदें और इन मेहनती महिलाओं का उत्साह बढ़ाएं।इससे पहले चौहटन विधायक आदूराम मेघवाल,समाजसेवी अनंतराम विश्नोई, दीपक कड़वासरा एवं अतिरिक्त निदेशक नितेश आर्य ने फीता काटकर अमृता हाट बाजार का उद्घाटन किया और स्टॉल्स पर जाकर महिलाओं से रूबरू होकर उनके उत्पादों की सराहना की। महिला अधिकारिता विभाग के संयुक्त निदेशक प्रहलाद सिंह राजपुरोहित ने बताया कि अमृता हाट बाजार महिला अधिकारिता विभाग की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है, जो राज्य भर में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है। इस बाजार में मुख्य रूप से ग्रामीण महिलाओं की ओर से तैयार किए गए पारंपरिक हस्तशिल्प उत्पाद, हथकरघा वस्त्र, रेडीमेड कपड़े, अचार-पापड़, मसाले, लाख की चूड़ियां, टेराकोटा की वस्तुएं, एप्लिक वर्क वाली सामग्री और अन्य लोकल उत्पाद प्रदर्शित एवं बिक्री के लिए रखे गए हैं। बाड़मेर जैसे सीमावर्ती जिले में जहां पारंपरिक कला और शिल्प की समृद्ध विरासत है, यह बाजार स्थानीय महिलाओं के लिए वरदान साबित होगा। इस बाजार में दर्जनों स्टॉल लगाए गए हैं, जहां विभिन्न स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं अपने उत्पादों की प्रदर्शनी कर रही हैं। इनमें बाड़मेर की प्रसिद्ध एप्लिक कला, ऊनी वस्त्र, मिट्टी के बर्तन और घरेलू खाद्य सामग्री प्रमुख हैं। महिलाओं ने बताया कि पहले उनके उत्पाद स्थानीय स्तर पर ही बिकते थे, लेकिन अब अमृता हाट जैसे मंच से उन्हें शहर के खरीदार मिल रहे हैं, जिससे उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है।
रिपोर्ट – ठाकराराम मेघवाल
