भीलवाड़ा (Bhilwara) में नगर विकास न्यास की ओर से 16 अक्टूबर को 3081 प्लॉट के लिए करवाई गई लॉटरी में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार को लेकर लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। भीलवाड़ा बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले आज नगर विकास न्यास (यूआईटी) द्वारा निकाली गई रियायती आवासीय भूखंडों की लॉटरी के विरोध में सैकड़ों लोगों ने कलेक्ट्रेट का रुख किया और अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इस प्रदर्शन का नेतृत्व विजयपाल सिंह, कांग्रेस नेता ओमप्रकाश नराणीवाल और नेता प्रतिपक्ष धर्मेन्द्र पारीक ने किया। प्रदर्शन में विभिन्न सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने भी भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने नगर विकास न्यास के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि लॉटरी प्रक्रिया में अनियमितताएँ और बंदरबांट हुई हैं। उन्होंने कहा कि इससे पात्र आवेदकों के साथ अन्याय हुआ है और कुछ लाभार्थियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। अल्टीमेटम और चेतावनी प्रदर्शन के दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया, जिसमें स्पष्ट किया गया कि यदि इस मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच नहीं की गई, तो भीलवाड़ा के युवा सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। ज्ञापन में यूआईटी अधिकारियों द्वारा की गई कथित अनियमितताओं की जांच कर “दूध का दूध और पानी का पानी” करने की मांग की गई। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि यदि जांच निष्पक्ष रूप से नहीं हुई, तो जनता आगे और कड़ा कदम उठाने को मजबूर होगी। स्थानीय नागरिक और आवेदनकर्ता नाराजगी जताते हुए कह रहे हैं कि इस तरह की लॉटरी प्रक्रिया से न केवल उनके अधिकार प्रभावित होते हैं, बल्कि समाज में विश्वास की भावना भी कम होती है। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि मामले की तुरंत और पारदर्शी जांच सुनिश्चित की जाए। लोगों ने आरोप लगाया है कि पूरी लॉटरी प्रक्रिया में सॉफ्टवेयर से छेड़छाड़ की गई, मिलीभगत ओर मनमाने तरीके से आम लोगों के साथ अन्याय हुआ है, भूमाफियाओं के एक-एक परिवार में तीन-तीन प्लाट का आवंटन किया गया है।
रिपोर्ट – पंकज पोरवाल
