“Rajsamand के आदिवासी अंचलों में सरकारी योजनाएं पहुँचाने में ‘आदि कर्मयोगी’ होंगे मददगार”

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“Rajsamand के आदिवासी अंचलों में सरकारी योजनाएं पहुँचाने में ‘आदि कर्मयोगी’ होंगे मददगार”

राजसमंद (Rajsamand) एसीईओ (CEO) डॉ. सुमन अजमेरा (Suman Ajmera) ने कलेक्ट्रेट सभागार में केंद्रीय जनजाति मंत्रालय के आदि कर्मयोगी अभियान एवं धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की प्रगति को लेकर समीक्षा बैठक ली। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारियों को अभियान की रूपरेखा, उद्देश्य एवं क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों की जानकारी दी गई।

डॉ अजमेरा ने बताया कि आदि कर्मयोगी अभियान का उद्देश्य विकेन्द्रीकृत, सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित तथा समर्पित परिवर्तनकारी नेतृत्व विकसित कर जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाना है, ताकि अंतिम छोर तक योजनाओं की डिलीवरी सुनिश्चित की जा सके और विकसित भारत @2047 की परिकल्पना को साकार किया जा सके।

इस अभियान के तहत देशभर में 20 लाख जनजातीय परिवर्तनकारी नेतृत्व तैयार करने का लक्ष्य है, जिनमें से लगभग एक लाख राजस्थान से होंगे। जनजाति समुदाय के इन चयनित व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और फिर ये जनजाति क्षेत्र में सरकार की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में अपना योगदान देंगे।

उन्होंने बताया कि अभियान अंतर्गत जिले में कुल 73 गांवों का चयन हुआ है। इसके अंतर्गत कुंभलगढ़ उपखंड के 16 पंचायतों के 28 गाँव, राजसमंद उपखंड के 5 पंचायतों के 5 गाँव, खमनोर पंचायत समिति के 10 पंचायतों के 11 गाँव, देलवाड़ा पंचायत समिति के 6 पंचायतों के 9 गाँव, भीम पंचायत समिति के 13 पंचायतों के 20 गाँव, इस तरह कुल 50 पंचायतों के 73 गाँवो का चयन किया गया है। इनमें सरकारी कर्मचारी आदि कर्मयोगी होंगे। युवा शिक्षक, डॉक्टर, सामाजिक आदि कार्यकर्ता होंगे। तो वहीं स्वयं सहायता समूह के सदस्य, स्वयंसेवक आदि सांस्कृतिक प्रतीक आदि साथी के रूप में होंगे।

अभियान में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, वन विभाग, चिकित्सा विभाग, पंचायतीराज विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग सहभागी होंगे। अभियान सेवा, समर्पण और संकल्प की भावना से प्रेरित होकर उत्तरदायी शासन, त्वरित शिकायत निवारण, सहभागी योजना निर्माण तथा पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासनिक व्यवस्था को बढ़ावा देगा।

बैठक में बताया गया कि अभियान को राष्ट्रीय प्रमुख योजनाओं और मिशनों जैसे पीएम-जन मन, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान, राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन मिशन, ईएमआरएस विस्तार एवं छात्रवृत्ति योजनाओं से जोड़ा गया है। इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में ठोस हस्तक्षेप किए जाएंगे जिनमें प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत पक्के मकान, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जरिए सड़कों का निर्माण, जल जीवन मिशन से घर-घर नल कनेक्शन एवं सामुदायिक जल व्यवस्था, घरों में बिजली आपूर्ति और सोलर पावर योजनाएं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत मोबाइल मेडिकल यूनिट्स, आयुष्मान भारत कार्ड वितरण, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन, आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना, पोषण वाटिकाएं, छात्रावास निर्माण, भारत नेट परियोजना, स्किल इंडिया मिशन, डिजिटल पहलें, सतत कृषि प्रोत्साहन, मत्स्य पालन व पशुपालन सहयोग, क्षमता निर्माण तथा जनजातीय होम स्टे जैसी विविध गतिविधियां शामिल हैं।

इस अभियान से अपेक्षित परिणामों में जमीनी स्तर की संस्थाओं का सुदृढ़ीकरण, जनजातीय समुदायों की शिकायतों का शीघ्र निस्तारण, सामाजिक जवाबदेही और सहभागी योजना निर्माण को बढ़ावा, लगभग 1.20 लाख जनजातीय युवाओं को सशक्त परिवर्तनकारी नेता के रूप में विकसित करना तथा अंतिम छोर तक सभी सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना शामिल है।

डॉ अजमेरा ने बताया कि आदि कर्मयोगी अभियान समावेशी शासन एवं जन-भागीदारी को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। सेवा, संकल्प एवं समर्पण को बढ़ावा देकर तथा जनजातीय समुदायों एवं सरकारी अधिकारियों की सहयोगात्मक भागीदारी के माध्यम से जनजातीय ग्राम-विजन 2030 का सह-निर्माण करेंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में शुरू किया गया यह अभियान सेवा, संकल्प एवं समर्पण पर बल देता है जो “सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास” के मार्गदर्शक सिद्धांत पर आधारित है। यह पहल जनजातीय गौरव वर्ष का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण में अपना योगदान दे रहा है।

उन्होंने बताया कि जनजातीय कार्य मंत्रालय ने आधिकारिक रूप से आदि कर्मयोगी अभियान का शुभारंभ किया है, जिसे विश्व के सबसे बड़े जनजातीय मूलभूत नेतृत्व कार्यक्रम के रूप में परिकल्पित किया गया है, जिसका उद्देश्य जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाना, उत्तरदायी शासन को मजबूत करना और पूरे देश में स्थानीय नेतृत्व के अवसरों का निर्माण करना है।

रिपोर्ट -नरेंद्र सिंह खंगारोत

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