भारत अब “परमाणु ब्लैकमेलिंग” बर्दाश्त नहीं करेगा – PM Modi

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भारत अब "परमाणु ब्लैकमेलिंग" बर्दाश्त नहीं करेगा - PM Modi 3

प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) द्वारा सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करने के कुछ ही घंटों बाद जम्मू-कश्मीर के सांबा क्षेत्र में 10 से 12 ड्रोन देखे गए, जिन्हें सुरक्षा बलों ने सफलतापूर्वक रोका। साथ ही पंजाब के होशियारपुर में भी धमाकों की आवाज़ सुनाई देने की पुष्टि हुई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत अब “परमाणु ब्लैकमेलिंग” बर्दाश्त नहीं करेगा और पाकिस्तान के खिलाफ की गई कार्रवाई फिलहाल रोकी गई है, लेकिन यह अंतिम नहीं है। भविष्य में होने वाली किसी भी कार्रवाई का निर्णय पाकिस्तान के व्यवहार पर निर्भर करेगा।

प्रधानमंत्री ने पहलगाम हमले को “आतंकवाद का सबसे अमानवीय चेहरा” बताते हुए कहा कि यह उनके लिए व्यक्तिगत रूप से बेहद पीड़ादायक था। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब दुश्मन यह समझ चुका है कि भारत की महिलाओं के माथे से सिंदूर मिटाने की सजा क्या होती है।

इस बीच भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच निर्धारित बातचीत शाम करीब 5 बजे शुरू हुई, जो पहले दोपहर 12 बजे होनी थी। हालांकि इस वार्ता का औपचारिक निष्कर्ष अब तक सामने नहीं आया है। सूत्रों के अनुसार, दोनों पक्षों ने 10 मई को हुए समझौते के तहत सीमापार गोलाबारी रोकने के मुद्दे पर चर्चा की।

भारतीय सशस्त्र बलों ने सोमवार को एक संयुक्त प्रेस वार्ता में स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य केवल आतंकवादियों और उनके ढांचों को खत्म करना है, ना कि पाकिस्तान की सेना के खिलाफ कोई कार्रवाई करना। सेना ने यह भी आश्वस्त किया कि देश के सभी सैन्य ठिकाने पूरी तरह सुरक्षित और किसी भी खतरे से निपटने के लिए तैयार हैं।

सेना ने यह भी बताया कि 7 से 10 मई के बीच नियंत्रण रेखा पर हुई मुठभेड़ों में पाकिस्तान के लगभग 35 से 40 सैनिक मारे गए।

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई (DGMO), वाइस एडमिरल ए एन प्रमोद (DGNO), और एयर मार्शल ए के भारती (DGAO) ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी साझा करते हुए कहा कि भारत द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान के 11 एयरबेस तबाह हुए और उनकी सैन्य क्षमताओं को भारी नुकसान पहुंचा।

शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मोर्चों — थल, वायु और जल — पर शांति बनाए रखने की सहमति बनी थी, लेकिन उसी रात कई बार संघर्षविराम का उल्लंघन हुआ और जम्मू-कश्मीर में ड्रोन गतिविधियां दर्ज की गईं।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पाकिस्तान से आग्रह किया कि वह स्थिति को गंभीरता और जिम्मेदारी से संभाले।

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