New Criminal Laws 2024: देश में आज से लागू हुए तीन नए आपराधिक कानून, अमित शाह बोले – ‘दंड’ की जगह अब ‘न्याय’ लेगा

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आज यानी 1 जुलाई, 2024 से देश में तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता लागू हो गए है। इंडियन पीनल कोड (IPC) की जगह अब भारतीय न्याय संहिता लेगा। क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CRPC) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लेगा और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य संहिता अधिनियम के प्रावधान लागू होंगे। बता दे कि ये तोनों बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पारित किए गए थे। गौरतलब है कि भारतीय दंड संहिता में कुल 511 धाराएं थीं। अब 1 जुलाई से लागू हुई भारतीय न्याय संहिता में महज 358 ही धाराएं हैं।

‘दंड’ की जगह अब ‘न्याय’ लेगा : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज (1 जुलाई) प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आजादी के करीब 77 साल बाद हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी तरह से ‘स्वदेशी’ हो रही है और यह और भारतीय Ethos के आधार पर चलेगी। 75 साल बाद इन कानूनों पर विचार हुआ और ये कानून जब आज से हर थाने में अपना काम करना चालू करेंगे तब अंग्रेजों के बनाएं हुए कानून निरस्त होकर और भारत की ससंद में बनाए गए कानून आएंगे। ‘दंड’ की जगह अब ‘न्याय’ लेगा। देरी के बजाय स्पीडी ट्रायल और स्पीडी जस्टिस मिलेगा। शाह ने आगे कहा कि पहले सिर्फ पुलिस के अधिकारों की रक्षा की गई थी अब पीड़ितों व शिकायतकर्ता के अधिकारों की रक्षा होगी। इस नए नजरिए के साथ ये तीनों कानून देश में लागू हुए हैं।

जानकारी के मुताबिक, नए कानून में धारा 375 और 376 की जगह रेप की धारा 63 होगी। गैंग रेप की धारा 70 होगी और हत्या के लिए धारा 302 की जगह धारा 101 होगी। भारतीय न्याय संहिता में 21 नए अपराधों को जोड़ा गया है, जिसमें एक नया अपराध मॉब लिंचिंग है। मॉब लिंचिंग पर भी कानून बनाया गया है। 41 अपराधों में सजा को बढ़ाया गया है और 82 अपराधों में जुर्माना बढ़ाया गया है।

नए आपराधिक कानूनों की बातें

नए कानून के मुताबिक, आपराधिक मामलों में मुकदमा पूरा होने के 45 दिन के भीतर फैसला आएगा। पहली सुनवाई के 60 दिनों के भीतर आरोप तय किए जाएंगे।

दुष्कर्म पीड़िता का बयान महिला पुलिस अधिकारी पीड़िता के अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में मौजूदगी में दर्ज करेगी। मेडिकल रिपोर्ट 7 दिन के भीतर देनी होंगी।

महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों का एक नया अध्याय जोड़ा गया है। किसी बच्चे को खरीदना या बेचना एक जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है। किसी नाबालिक से गैंग रेप के लिए मौत की सजा या आजीवन कारावास का प्रावधान जोड़ा गया है।

नए कानून में अब सगंठित अपराधों और आतंकवाद के कृत्यों को परिभाषित किया गया है। राजद्रोह की जगह देशद्रोह लाया गया है। सभी तलाशी व जब्ती की कार्रवाई की वीडियोग्राफी करना अनिवार्य कर दिया गया है।

नए कानून में महिलाओं, 15 वर्ष की आयु से कम उम्र के लोगों, 60 वर्ष की आयु से अधिक के लोगों तथा दिव्यांग या गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को पुलिस थाने आने से छूट दी जाएगी और वे अपने घर पर ही पुलिस सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

नए कानून में शादी का झूठा वादा करने, नाबालिग से दुष्कर्म, भीड़ द्वारा पीटकर हत्या करने, झपटमारी आदि मामले दर्ज किए जाते हैं लेकिन मौजूदा भारतीय दंड संहिता में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं थे। भारतीय न्याय संहिता में इनसे निपटने के लिए प्रावधान किये गए हैं।

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