राजसमंद (Rajsamand) जिले के रेलमगरा क्षेत्र के ग्राम पंचायत कोटडी में भदेरिया भेरूजी के प्रांगण में गवरी कलाकारों ने मेवाड़ के प्रसिद्ध गवरी नृत्य का मंचन किया । कलाकारों ने कालू कीर, गोमा मीणा, काना गुजरी, राजा रानी, लाखा बंजारा,चितौड़ का किला आदि पात्रों का मंचन किया और साथ मे गवरी नृत्य को देखने के लिये कोटडी व आस पास के गाँवो के लोगों ने गवरी नृत्य देखने के लिये मंगलवार सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक तांता लग रहा और गवरी कलाकारों ने बताया कि गवरी के मुख्य दो पात्र होते है। राईबुढ़िया, राईमाता। गवरी में राईबुढिया को शिव तथा राईमाता को पार्वती माना जाता है । इसलिये दर्शक इन पात्रों को पूज्यनीय दृष्टि से देखते है एव इनकी पूजा भी करते है गवरी का मूल कथानक शिव व भस्मासुर से सम्बंधित होता है व गवरी नृत्य से देवता भी प्रसन्न होते है और गवरी में महिला कलाकार कोई नही होती है इसमे पुरुष ही महिला का किरदार उसकी वेशभूषा धारण कर निभाता है। गवरी के दौरान कई विशेष प्रस्तुति दी गई । सुरावास से आये गवरी कलाकारों ने लोगों का मन मोह लिया व खुब हंसाया।
रिपोर्ट – नरेंद्र सिंह खंगारोत