
भीलवाड़ा (Bhilwara) कृषि उपज मंडी यार्ड और होलसेल किराणा मर्चेंट एसोसिएशन ने राजस्थान सरकार द्वारा गैर अधिसूचित कृषि उपज और खाद्य उत्पादों पर लगाए गए 50 पैसे प्रति सैकड़ा के यूजर चार्ज का कड़ा विरोध करते हुये मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर भीलवाड़ा को ज्ञापन सौंपकर यूर चार्ज तुरंत वापस लेने की मांग करते हुए कहा है कि यह चार्ज न केवल व्यापारियों के लिए नुकसानदेह है, बल्कि किसान और आम उपभोक्ता को भी प्रभावित करेगा। सचिव राजेन्द्र बिड़ला ने बताया कि पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ’जीएसटी के सरलीकरण’ की नीति का हवाला देते हुए कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार करों को कम करने का प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार एक नया यूजर चार्ज लगा रही है। यह कदम न्यायोचित नहीं है और इससे बिना बिल के व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, जिससे सरकार के राजस्व में और कमी आएगी। पत्र में व्यापारियों ने कई उदाहरण देकर अपनी परेशानी समझाई। उन्होंने बताया कि मौजूदा ट्रेडिंग मार्केट में मुनाफा सिर्फ 1 प्रतिशत तक ही रह गया है। इसके अलावा, व्यापारियों को स्टाफ, बिजली, फोन, और बैंक सीसी (कैश क्रेडिट) पर लगने वाले भारी ब्याज जैसे अन्य खर्चों का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में, 50 पैसे प्रति सैकड़ा का यूजर चार्ज व्यापारियों के मुनाफे को पूरी तरह से खत्म कर देगा, जिससे उनका व्यापार करना मुश्किल हो जाएगा। अध्यक्ष लक्ष्मण दास हेमनानी ने बताया कि इस चार्ज का असर केवल व्यापारियों पर नहीं पड़ेगा, बल्कि किसानों और उपभोक्ताओं को भी भुगतना पड़ेगा। अगर व्यापारी मंडी से चले जाते हैं, तो किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए भटकना पड़ेगा और उन्हें सही कीमत नहीं मिलेगी। इसके अलावा, आम जनता को भी रोजमर्रा का सामान खरीदने के लिए दूर जाना पड़ेगा और उन्हें होलसेल के बजाय महंगे दामों पर सामान मिलेगा। किशोर गुरनानी ने बताया कि एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को भेजे गए एक पत्र में कहा कि यह यूजर चार्ज केवल कृषि उपज मंडियों की सीमा के अंदर ही लगाया गया है, जबकि मंडी के बाहर के बाजारों और व्यापारियों पर यह लागू नहीं होता। इससे मंडी के अंदर के व्यापारी प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जाएंगे और उन्हें भारी नुकसान होगा। व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि यदि यह चार्ज वापस नहीं लिया गया, तो वे मंडी से पलायन करने को मजबूर हो जाएंगे, जिससे मंडी पूरी तरह से खाली हो जाएगी और सरकार को भी राजस्व का भारी नुकसान होगा। व्यापारियों ने सरकार से अनुरोध किया है कि वे इस पूरे मामले पर गंभीरता से विचार करें और जनहित में इस यूजर चार्ज को तुरंत निरस्त करें। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि ऐसा नहीं किया गया, तो सभी वर्ग, चाहे वह किसान हो, व्यापारी हो या आम जनता, सभी को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। ज्ञापन देने वालों में राजेंद्र बिड़ला, किशोर गुरनानी, राजकुमार गुरनानी, कुलदीप अजमेरा, सुनील नुवाल, कमलेश कोरानी, जितेन्द्र, देवेन्द्र, अश्विन सोमानी आदि उपस्थित थे।